सर्वधर्म सदभाव सम्मेलन में हिंदू-मुस्लिम, जैन-ईसाई धर्म की बताई विशेषता

- Advertisement -

गायत्री परिवार की सद्भाव मशाल पर दीप प्रज्जवलन कर हुआ कार्यक्रम का शुुभारंभ
झाबुआ। शहर के राजवाड़ा चौक पर सार्वजनिक गणेश मंडल द्वारा रविवार रात को सर्व-धर्म सद्भाव सम्मेलन (सर्व-धर्म दीप ज्योति दुआ) का आयोजन किया गया। जिसमें चारो धर्मों के सिद्धांत, विषेशताओं एवं इतिहास की व्याख्या की गई। इसाई समुदाय के पीआरओ फादर रॉकी ने जैन धर्म, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. वाहिद शेख ने हिन्दू धर्म, अध्यक्ष यशवंत भंडारी ने मुस्लिम धर्म एवं गायत्री परिवार के प्रवक्ता के रूप में विचार क्राति एवं युग निर्माण योजना के संबंध में अपने ओजस्वी विचार ब्राह्मण समाज से डॉ. केके त्रिवेदी ने व्यक्त किए। इस अनोखे एवं अद्भूत कार्यक्रम का शुभारंभ मां गायत्री माता की मशाल पर दीपक एवं मोमबत्तियां प्रज्जवलित कर हुआ। इसके पश्चात सभी वक्ताओं द्वारा सामूहिक प्रार्थना की गई एवं मशाल चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। वक्ताओं का स्वागत सार्वजनिक गणेश मंडल एवं गायत्री परिवार के सदस्यों द्वारा किया गया। सर्वप्रथम सम्मेलन को संबोधित करते हुए इसाई समुदाय से पीआरओ फादर रॉकी शाह ने जैन धर्म की जानकारी देते हुए सभी का अभिवान जय जिनेन्द्र से किया। उन्होंने बताया कि जैन धर्म दो भागों में विभाजित है, श्वेतांबर और दिगंबर। यह धर्म हमेशा अहिंसा के मार्ग पर चलता है।
हिन्दू धर्म का उदय वेद, ज्ञान और तपस्या से हुआ
पश्चात वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. वाहिद शेख ने हिन्दू धर्म की विषेशता बताते हुए सर्वप्रथम सभी का प्रणाम शब्द से अभिवादन किया। उन्होंने बताया कि हिन्दू धर्म का उदय वेद, ज्ञान और तपस्या से हुआ है। यह धर्म करोड़ों वर्ष पुराना है और आज भी यह धर्म सनातन है। इस धर्म में 84 करोड़ योनियों एवं पुर्नजन्म की भी मान्यता है। हिन्दू धर्म में मनुष्य ज्ञान, भक्ति, कर्म, योग मार्ग से लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। इस धर्म का मानना है कि अर्धम बढऩे पर उसके नाष के लिए ईश्वर का अवतार होता है।
इस्लाम की विशेषता कुरआन है
इस्लाम धर्म की व्याख्या करते हुए यशवंत भंडारी ने अपनी शुरुआत सलामे वालेकुम शब्द से की। उन्होंने हिन्दू और मुस्लिम धर्म के मेलमिलाप को प्रदर्षित करते हुए चलो आज बात कुछ खास हो जाए, मेरे घर रोजा तेरे घर उपवास हो जाए, रचना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि मुहम्मद हजरत पैगम्बर साहब अल्लाह के नबी है और उनके माध्यम से ही हम सभी को पवित्र कुरान अल्लाह से मिला। इस्लाम धर्म सद््भाव और भाईचारे का संदेश देता है। इस धर्म की विशेषता यह है कि इस समाज के लोग दिन में पांच बार नमाज अता कर अपने किए गए गुनाहों के लिए अल्लाह से रहम की दुआ करते है। इस धर्म में नमाज के साथ अल्लाह पर परम विश्वास कर रमाजन के एक माह के रोजे रखकर मोक्ष की कामना, दीन-दुखियों के लिए जकात के माध्यम से सहायता, यदि सक्षमता हो तो हज करना आवश्यक है। भंडारी ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग रमजान, ईद, मीलादुन्नबी जैसे पर्व मनाकर आपस में खुशियां बांटने के साथ सभी धर्मों के लोगों में परस्पर भाईचारा और सद्भाव का भाव बढ़ाते है।
श्री राम शर्माजी के जीवन पर डाला प्रकाश
सम्मेलन में गायत्री परिवार के एसएस पुरोहित ने गायत्री परिवार के ध्येय वाक्य हम बदलेंगे-युग बदलेगा पर प्रकाश डाला। उन्होंने युग ऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने मात्र 15 वर्ष की उम्र से ही धर्म के क्षेत्र के कार्य प्रारंभ कर दिया गया। उन्हें प्रत्येक धर्म का बोध था। पुरोहित ने कहा कि गायत्री परिवार का उद्देश्य युग परिवर्तन है और युग परिवर्तन सभी लोगों के आपसी सामंजस्य से ही संभव है। उन्होंने उपस्थितजनों को 5 बार गायत्री महामंत्र एवं 3 बार शिव महामंत्र का जाप भी करवाया। कार्यक्रम का संचालन गायत्री परिवार के विनोद जायसवाल द्वारा किया गया एवं आभार सार्वजनिक गणेश मंडल के रविराजसिंह राठौर ने माना। इस अवसर पर सार्वजनिक गणेश मंडल के अध्यक्ष राजेन्द्र अग्निहोत्री, महासचिव नानालाल कोठारी, शेषनारायण मालवी, मोहनभाई माहेश्वरी, प्रशांत शाह, जयेन्द्र बैरागी, भगवत चौहान, गायत्री परिवार के विनोद गुप्ता, सौभाग्यसिंह चौहान के अलावा सींधी समाज से दौलत गोलानी, प्रदेश आपतक के संपादक जेनुद्दीन शेख, अयुब अली सैयद सहित युवा भी उपस्थित थे।