यह 5 चुनोतिया रास्ता देख रही है बीजेपी जिलाध्यक्ष ” मनोहर सेठिया ” का

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चंद्रभान सिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

चुनावी साल मे ” बीजेपी ” जिलाध्यक्ष का ताज केंद्र ओर राज्य मे सत्तारुण बीजेपी ने मनोहर सेठिया को सोंप तो दिया है मगर चुवावी साल मे सेठिया के सामने 5 बडी चुनोतिया है जिनसे उन्हे पार पाना होना । यह है वह 5 बडी चुनोतिया

1)- विधानसभा चुनाव 2018
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चुनावी साल मे बीजेपी जिलाध्यक्ष बने मनोहर सेठिया के सामने सबसे बडी चुनोती आगामी नवंबर मे होने वाले विधानसभा चुनाव ; बीजेपी के पास जिले की दो सीटे है ओर एक पर बीजेपी समथ॔क निद॔लिय विधायक है इन तीनो सीटो को फिर से बीजेपी की झोली मे डालना बडी चुनोती है क्योकि अधिकांश विधायको के खिलाफ सत्ता विरोधी हवा शुरु होने के प्रारंभिक संकेत आ रहे है । अगर कही मोजूदा विधायक ठीक नही है तो नये चेहरे तलाश करना यह भी बडी चुनोती है ।

2)- संगठन को मजबूत करना
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मोजूदा दोर मे माना जाता है जिले मे बीजेपो का संगठन बेहद कमजोर है ज्यादातर काम कागजो पर या सांकेतिक होते रहे है पार्टी विरोध प्रदश॔न करना भुल गयी है ऐसे मे पार्टी संगठन को कागज से इतर जमीन पर जिंदा करना सेठिया के लिऐ चुनोती होगी ।

3)- सभी को लेकर चलना ; चापलूसो से बचना
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झाबुआ की राजनीति मे ऐसे सुरमाओ की कमी नही है जो आज सेठिया के स्वागत समारोह से ही यह बयानबाजी शुरु कर दे कि सेठिया को तो वह बनवाकर लाये है ओर बडे बडे फ्लैक्स लगाकर संदेश देने की कोशिश करेंगे । इसके उलट सेठिया को यह करके दिखाना होगा कि वह पार्टी हित मे सभी को लेकर चलेंगे ओर दूसरा सेठिया के लिऐ बडी चुनोती यह होगी कि वह चापलूसो की फोज से बचकर काम करे केवल चार लोगो से घिरकर नही।

4)- शक्तिशाली कांग्रेस का मुकाबला ; बुथस्तर पर काम
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बीजेपी का देश भर मे फैलाव नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ साथ बुथ स्तर के मैनेजमेंट के चलते हुआ है लोकसभा उपचुनावों मे बीजेपी का बुथ स्वर का मैनेजमेंट फेल हो गया था ओर हाल मे संपन्न जिला पंचायत के वाड॔ क्रमाक 5 के उपचुनावों मे भी बीजेपी बुथ तक नही पहुंच पाई थी अब बीजेपी जिलाध्यक्ष के रुप मे सेठिया के सामने बडी चुनोती यही है कि वह ” एक बुथ पर 10 युथ” के नारे को हकीकत मे बदले ।

 

5)- प्रभारी मंत्री को मजबूर करना
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प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग जिले से नदारद रहते है जिसके चलते संगठन ओर पार्टी कार्यकर्ता अपनी बात नही रख पाते । मुख्यमंत्री ने तो हर महीने दो राते झाबुआ जिले मे बिताने को कहा हुआ है मगर विश्वास सारंग सीएम के आदेश को ही घोलकर पी चुके है ऐसे मे चुनावी साल मे प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग का जिले मे लगातार प्रवास करवाना ओर उन्हे पार्टी ओर सरकार के बीच की कडी के रुप मे सक्रिय करना सेठिया के लिऐ बडी चुनोती होगी ।