बसों की हड़ताल से जीप चालकों की हुई चांदी

- Advertisement -

6 5झाबुआ लाइव के लिए अबदुल वली पठान की रिपोर्ट-
राज्य शासन की नई परिवहन नीति के विरोध में जिले के निजी बस आॅपरेटरांे ने गुरूवार को एक दिवसीय हड़ताल की। जिससे जिले में प्रतिदिन चलने वाली लगभग 150 बसांे के पहिए थमे रहे। जिले के बस स्टेंडों पर विरानी छाई रहीं। यात्री दिनभर परेशान होते रहे। वहीं जीप एवं टाटा मेजिक वाहन चालकांे ने मौके का फायदा उठाते हुए जमकर चांदी काटी।शहर के बस स्टैंड पर निजी बसे नहंी चलने से सुबह से ही सूनसान देखाइ दिए। जिलेभर में निजी बसों से प्रतिदिन लोगों का आसपास के क्षेत्रों एवं जिलांे मंे आना-जाना लगा रहता है। शासकीय कर्मचारी, व्यापारी सहित शहरी, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रांे के लोग निजी बसों से आना-जाना करते है, उन्हें गुरूवार को बसे बंद होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों को तो इस स्थिति के चलते अपनी यात्रा भी टालना पड़ी।
जीप वाहन चालक ने लिया लाभ
गुरूवार को जिले के बस स्टैंड पर बसे नहीं चलने से जीप एवं टाटा मैजिक वाहन चालकांे ने इसका भरपूर फायदा उठाया। जीप स्टैंड पर यात्री जीपांे एवं टाटा मैजिक वाहनों में सवार होकर सफर करते दिखाई दिए। बस हड़ताल का जीप एवं टाटा मैजिक व जीप चालकांे ने फायदा उठाते हुए एक दिन यात्रियो ंसे अपने मुताबिक किराया लिया। यात्रा के लिए अन्य कोई साधन नहंी होने से यात्रियों को भी मांगे गए मनमाना किराया देकर यात्रा करना पड़ी। जीपे एवं टाटा मेजिक वाहन भी ओव्हरलोड एवं ठसाठस सवारियां भरकर निकले। चालकों ने जमकर चांदी काटी। ट्रैफिक पुलिस यह सब देखती रही।
यात्रियों में बना रहा असमंजस
उधर बसांे की हड़ताल के चलते यात्रियों में असमंजस बना रहा। जिसका कारण कई यात्रियों को बसे बंद रहने की जानकारी नहंी होना है। उल्लेखनीय है कि शहर से राजगढ़, धार, इंदोर, उज्जैन की भी यात्रा लोग निजी बसों से करते है। वे बस स्टेंड तो पहुंच गए, लेकिन बस नहीं मिलने से उन्हें वापस लौटना पड़ा। केवल सरकारी बसे ही चली। शहर के बस स्टैंड पर बसे बंद होने से विरानी देखी गई।
ये है मांग
बस आॅपरेटर्स एसोसिएशन के प्रदीप जैन ने बताया कि शासन द्वारा नई नीति लागू की गई है। जिसके तहत बस आॅनरों पर धारा 304 लागू की गई है। जिसके अनुसार यदि बस में कोई घटना या दुर्घटना होती है तो इसकी सीधी जवाबदार बस मालिक की होगी। इसके साथ ही 150 किमी से 75 किमी तक 32 सीटर वाहन चलाने वाले कालू कानून लागू ना करने आदि मांगे बस आॅपरेटरों की है। जिसको लेकर पूरे इंदौर संभाग के बस आॅपरेटरों ने एक दिन बसे बंद रखने का निर्णय लिया।