प्याज और दालों में बेहतहाशा मूल्य वृद्धि का कांग्रेस ने किया विरोध

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झाबुआ लाइव के लिए झाबुआ से अबदुल वली पठान की रिपोर्ट –

imagesखाद्यान्न वस्तुओ मे लगातार हो रही बेतहाशा मूल्य वृद्धि को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं कार्यवाहक अध्यक्ष कलावती भूरिया, युवा नेता डाॅ. विक्रांत भूरिया एवं जिला प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजपा सरकार की गलत नीतियो का परिणाम बताया तथा इसका खामियाजा देश की गरीब जनता भुगत रही है। भूरिया ने कहा कि आसमान छू रहे दाल और प्याज के दामो ने आम व गरीबो की कमर तोड़कर रख दी है उनका इस भीषण महंगाई के कारण पेट भरना भी दूभर हो रहा है। पहले गरीब प्याज के साथ भी खाना खा लेता था। अब उसका यह मिथक टूट गया है, क्योंकि आज प्याज केवल अमीरो व पूंजीपतियो की थालियों में ही नजर आने लगा है। आज का मध्यमवर्गीय परिवार भी दाल और प्याज की बेतहाशा बडी हुई कीमतो के कारण उनसे महरूम होने को मजबूर है। भूरिया ने कहा कि मध्यवर्गीय परिवार के लिए दाल और प्याज मात्र देखने की ही चीज रह गई है। यह चीजे आम आदमी की पहुंच से काफी दूर भी हो गई है। भाजपा सरकार ने व्यापारियों, बिचोलियों और भाजपा से जुड़े व्यक्तियो को लाभ पहुंचाने के लिए जमाखोरी एवं कालाबाजारियो को खुली छूट दे रखी है। सरकार की यदि नियत साफ होती तो दामो पर नियंत्रण करने के लिए कोई ठोस प्रयास करती। सरकार का इन दैनिक उपयोग में आने वाली खाद्य सामग्री की किमतों से अपना नियंत्रण खो चुकी है। जिससे आम आदमी की कमर ही टुटने लगी है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अच्छे दिनों के आने का वादा कर तथा देश व प्रदेश की को गुमराह कर अच्छे दिन आने का ढिंढोरा पिट कर लोगों भ्रमित करके सत्ता में आए। प्याज के दाम लगभग 80-90 रुपए और दालो की कीमत लगभग 150 रुपए तथा सब्जियो की कीमत 60 रुपए प्रति किलो से अधिक पहुंच चुकी है। क्या यही अच्छे दिनों की शुरूआत है ? भूरिया ने कहा कि मोदी सरकार के यदि यही अच्छे दिन है तो तत्कालीन यूपीए सरकार के क्या वो दिन बुरे थे, जब प्याज 10 रुपए से भी कम और दाल के दाम 50 रूपये से भी कम हुआ करते थे ? वर्तमान में सरकार के प्रयास नाकाफी है और न ही सरकार द्वारा इससे राहत हेतु कोई खास उपाय किए जा रहे है। डाॅलर के बढ़ते मूल्य एवं रूपये के अमूल्यन के लिए भी यही केन्द्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है। आज अनाज व दाल की कीमतों मंे 50 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रोटीन रिवोल्यूशन का नारा दिया था, इसके मुताबिक दालें हर भारतीय नागरिक को उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन दालांे, फलों और सब्जियों की कीमतों में काफी अधिक मूल्य वृद्धि हो रही है और इन्हें आम आदमी की पहुंच के बाहर ले जा रही है। बढी हुई कीमतों के कारण आज आम जनो की खरीदी की क्षमता भी कम हो गई और अर्थव्यवस्था का संकुचन हुआ है। मध्यप्रदेश के घोषणावीर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चोहान सिर्फ सब्ज बाग दिखाने और शिगूफेबाजी में ही विश्वास करते है। आम आदमी की भलाई किसमें है उनसे इनका दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है। भाजपा केवल में पूंजीपतियो को ही लाभ पहुंचाने में लगी है। कांग्रेस नेता प्रकाश रांका, आचार्य नामदेव राजेश भट्ट, आशीष भूरिया, विनय भाबोर, हेमचंद्र डमोर, बंटू अग्निहोत्री, कलावती मेडा, पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया, वालसिंह मेडा, रतनसिंह भाबर, जेवियर मेडा, कांग्रेस नेता चंद्रवीरसिंह राठौर, जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, रूपसिंह डामोर, मानसिंह मेडा आदि कांग्रेसजनों ने देश व प्रदेश की सरकार से मांग की है कि प्याज और दालों की कालाबाजारी को रोकने हेतु सरकार तत्काल जमाखोरों पर नकेल कसे और इनकी कीमतों पर नियंत्रण रखें। अन्यथा कांग्रेसजन सड़को पर उतर कर आंदोलन करने में भी नहीं हिचकेंगे।