पत्रकार संघ ने एसपी आॅफिस के बाहर दिया धरना

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पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जिले के पत्रकारों ने दिया धरना।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जिले के पत्रकारों ने दिया धरना।

 झाबुआ – गुरूवार को दोपहर जिलेभर के पत्रकार पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए ओर जिला पत्रकार संघ के बैनर तले उनके द्वारा कार्यालय के बाहर जमकर विरोध किया गया। विरोध स्वरूप धरना दिया गया। धरना प्रदर्शन को जिले के वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा संबोधित किया। पश्चात रैली निकालकर नारेबाजी के साथ पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सोंपा गया।
जिलाध्यक्ष सलीम शैरानी ने बताया कि आज हम सभी पत्रकार अपनी हक की लड़ाई लड़ने के लिए एकत्रित हुए। पत्रकार पर निरंतर जानलेवा हमले हो रहे है एवं उनकी झूठी शिकायते दर्ज की जा रहीं है। जिला एवं पुलिस प्रशासन पत्रकारो की घोर उपेक्षा कर रहा है, लेकिन पत्रकार अपने पर होने वाले अत्याचारों को अब सहन नहीं करेंगे एवं इसका खुलकर विरोध करंेगे। पत्रकार कल्याण परिषद् के संभाग प्रतिनिधि यशवंत भंडारी ने भी पत्रकारों की एकता पर जोर देते हुए कहा कि पत्रकार को लोकतंत्र का चोथा स्तंभ माना गया है, लेकिन आज निरंतर उपेक्षाएं हो रहीं है। पत्रकार जगत को कलंकिल करने का प्रयास किया जा रहा है। पत्रकार कल्याण परिषद् जिलाध्यक्ष प्रवीण सोनी ने भी पत्रकार पर होने वाली घटनाआ  की घोर निंदा की।
इन्होंने भी किया संबोधित – धरना प्रदर्शन को वरिष्ठ पत्रकार चंद्रभानसिंह भदोरिया, दोलत भावसार, सचिन जोशी, मनोज चतुर्वेदी, एनयूके पिल्लई, संजय जैन, संतोष रूनवाल, सत्यनारायण शर्मा ने भी संबोधित करते हुए पत्रकारों पर होने वाली इस तरह की घटनाओ की घोर निंदा करते हुए पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करने जिला एवं पुलिस प्रशासन से मांग की। धरने को ग्रामीण क्षेत्रांे के पत्रकार राजेश सोनी बामनिया, संज, अक्षय भट्ट, राकेश पाठक, मनोज उपाध्याय ने भी संबोधित करते हुए ग्रामीण पत्रकारों के साथ हो रही घटनाओं का जिक्र किया।
रैली निकालकर सौंपा ज्ञापन – पश्चात धरना स्थल से कार्यालय तक उपस्थित सैकड़ो पत्रकारों द्वारा नारेबाजी के साथ रैली निकाली। पश्चात पुलिस अधीक्षक पांडेय को महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री के नाम ज्ञापन सोंपा गया।
ये किया गया उल्लेख – जिला पत्रकार संघ झाबुआ द्वारा आज सामूहिक रूप से धरना प्रदर्शन देकर पत्रकारांे पर होने वाले जानलेवा हमलो एवं झूठी शिकायतों की घोर विरोध किया जाता है। ज्ञापन मंे 5 बिंदुआंे का जिक्र करते हुए बताया गया जिले के ग्राम रायपुरिया के पत्रकार लवेष स्वर्णकार के विरूद्ध किसी भी प्रकरण में दोषी सिद्धि नहीं होने के बाद भी उन्हें गुंडा लिस्ट मंे शामिल किया गया। ग्राम मेघनगर के पत्रकार अनूप भंडारी तथा अली असगर बोहरा के विरूद्ध आदिवासी हरिजन लड़कों का उपयोग करते हुए हरिजन प्रकोष्ठ मंे झूठी रिपोर्ट दर्ज करने हेतु षड्यंत्र किया गया। झाबुआ के पत्रकार दोलत गोलानी, समीउल्ला खान एवं अजय डामोर के विरूद्ध लड़ाई-झगड़े बाबत् झूठा मुकदमा बनाया गया, थान्दला के पत्रकार बबलू ब्रजवासी एवं जावेद खान के विरूद्ध झूमा-झटकी करने था मूल अपराध से बचने के लिए क्रास प्रकरण बनाया गया, बामनिया के पत्रकार दिलीप मालवीय एवं अर्पण कासवां के विरूद्ध थाने पर झूठी शिकायते कर प्रकरण दर्ज करवाने का कृत्य किया गया। इसी प्रकार पेटलावद के दोरान भी एवं अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के दोरान शासकीय कर्मचारियो द्वारा भी अभद्र व्यवहार किया जाता रहा है।
पत्रकारो को सुरक्षा प्रदान करने की मांग – ज्ञापन मंे आगे कहा गया कि जिला पत्रकार संघ झाबुआ द्वारा कई बार निंदा प्रस्ताव करते हुए ज्ञापन दिए गए, किन्तु पत्रकारों के हितों एवं सुरक्षा की ओर प्रशासन द्वारा अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ज्ञापन मंे चेतावनी दी गई कि पत्रकार अंतिम बार ज्ञापन एवं धरने के माध्यम से चेतावनी दे रहे है, यदि उनकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया तो पत्रकार जगत उग्र आंदोलन की ओर बाध्य होगा, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन एवं प्रशासन की होगी। ज्ञापन पश्चात पुलिस अधीक्षक पांडेय द्वारा इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन उपस्थित सभी पत्रकारांे को दिया।