नसबंदी के लिए दोपहर में बुला लिया, लेकिन छह घंटे देरी से पहुंचे डॉक्टर, परेशान हुईं महिलाएं

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योगेंद्र राठौड़, सोंडवा
सरकारी तंत्र में बिना होमवर्क के कैसे काम होते हैं और आम लोग कितना परेशान होते हैं, इसकी बानगी आज अलीराजपुर जिले के सोंडवा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिली। यहां नसबंदी के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपनी मैदानी कार्यकर्ताओं के जरिये 120 महिलाओं को बुला तो लिया है लेकिन नसबंदी के लिए पहुंचने वाले डॉक्टर शाम 6 बजे पहुंचे। नतीजा सुबह से अपने घर से भूखी-प्यासी निकले महिलाएं और उनके परिजन परेशान होते दिखाई दिए। सीबीएमओ डॉ. केएस जमरा ने बताया कि नसबंदी शिविर अलीराजपुर के साथ-साथ सोंडवा में भी आयोजित किया गया था तथा नसबंदी करने वाले डॉक्टर रामेश्वर परमार झाबुआ से आए थे, पहले उन्होंने अलीराजपुर में नसबंदी शिविर में ऑपरेशन किए जिससे उन्हें यहां आते-आते देरी हो गई। लेकिन जमरा साहब के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि नसबंदी के लिए दोपहर में ही बुलवा ली गई महिलाओं एवं उनके परिजनों का क्या दोष है और कब नसबंदी शिविर समाप्त होगा, कब महिलों होश में आएंगी तथा वे कब अपने गांव-फलियों, घरों तक पहुंचेगी? यहां यह सवाल भी खड़ा होता है कि जब नसबंदी शिविर के लिए मानवीय संसाधन पर्याप्त नहीं थे तो फिर ऐसे शिविर क्यों बिना तैयारी के आयोजित कर लिए गए।

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