धूप में भूखे प्यासे खड़े लोगों की मदद में आगे आए लोग, दिखी हिंदू-मुस्लिम एकता

- Advertisement -

झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
7प्रचलन से बाहर हो चुके 500-1000 रुपए के नोट बदलवान हेतु ग्रामीणों एवं आमजनों की बैंकों पर भीड़ एवं लगने वाली कतारे प्रतिदिन कई गुना बढ़ती जा रही है। पहले दिन जहां कतारे 100 मीटर के दायरे को छू गई थी तो दूसरे दिन 300 मीटर के भी आगे निकल गई। तीसरे दिन तो भीड़ इतनी बढ़ गई की एक की जगह दो कतारे बनानी पड़ी जो दोनों दिशाओं में 500 मीटर से भी आगे पंहुच गई। चूंकि कतारों में खड़े व्यक्ति दो-चार घंटे या सुबह से दोपहर तक अपना काम धंधा छोड़, भूखे-प्यासे धूप मे अपनी बारी का इंतजार कर देख समाज सेवियों ने अपने हाथ बढ़ाए किसी पानी पिलाकर, तो किसी नाश्ता बांटकर लोगो की मदद की। नगर के शीतला माता मंदिर के सेवक समरथ प्रजापत एवं जाकिर हुसैन नत्थे खां ने पानी पिलाकर घंटों से कतार में खड़े लोगों को तृप्त किया। जाकिर भाई ने थेला गाड़ी पर पानी के केन रखे व समरथ भाई ने गिलास भर-भर कर जन सेवा का लाभ उठाया व बैंक पर दोनों ओर लगी कतारों थैलागाड़ी धकेल कर पानी पिलाया। हिंदू-मुस्लिम कौमी एकता यह एक मिसाल को देख आमजनों ने इसकी प्रशंसा की। सामाजिक संगठनों के लोगों द्वारा भी इस ओर अपने हाथ बढ़ाए व जनसेवा की। नगर की सामाजिक संस्था के लोगों द्वारा सुबह से कतार में लगे लोगो को पोहे का नाश्ता करवाया। जैन श्रीसंघ नवकार परिवार के कमलेश दायजी, कमल पीचा, अर्पित लुणावत, चिराग लुणावत, संजय जैन, यश रांका, प्रतीक पीचा, सचिन जैन, चेतन मोदी, पिंटू छिपानी,क पिल खेमसरा, हुनेद भाई बादशाह, धनजी डामोर द्वारा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एमजी रोड शाखा, स्टेट बैंक आफ इंडिया कुशलगढ़ रोड, कैनेरा बैंक एवं धार झाबुआ क्षेत्रीय ग्रामीण पर घंटों से कतार में खड़े लोगों नाश्ता करवाकर ठंडा पानी पिलाया। कतार में खड़े लोगों ने भी जैन श्रीसंघ नवकार परिवार के द्वारा किए जन सेवा को सराहा। लाइन में खड़े सुखराम डामोर ने कहा कहा कि सुबह 8 बजे से लाइन लगा कर खड़े है पानी पीने के लिए भी नहीं जा पा रहा था, कही नंबर चला जााएगा। भला हो इन समाजसेवियों का जिन्होंने हमारे लिए सोचा। वही गीता परमार ने कहा- मेरे साथ दो बच्चे भी है जिन्हे भूख भी लग रही मगर लाइन में लगे होने से उन्हें कुछ खीला नहीं पा रही थी, अभी लोगों द्वारा नाश्ता दिया तब जाकर बच्चों का रोना बंद हुआ।