धन का नहीं श्रीराम नाम का लोभ रखे : साध्वी पांडे

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झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
महाकवि तुलसीदास ने विश्व के जिस महान ग्रंथ श्रीरामायण की रचना की उसको समझने और पढऩे मात्र से ही मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है। श्रीरामायण के प्रारंभ के पूर्व श्रीराम के भी पहले महाकवि तुलसीदास ने गणेश, राम के पिता दशरथ, उनके भाई भरत लक्ष्मण की पूजा की। श्रीराम की पूजा श्रीराम के पहले इसलिए क्योंकि वो पूरे जीवन श्रीराम के पीछे चले जिसने श्रीराम के पदचिन्हों का अनुसरण किया उसकी पूजा श्रीराम के पहले जरूरी है। श्रीराम के नाम ने ही हनुमान को महावीर बना दिया। आज के इस युग में मनुष्य धन और लोभ के लिए ज्यादा जी रहा है। यदि हमें अपने जीवन को सफल करना है तो हमे भी जीवन में धन का नहीं, श्रीराम के नाम का लोभ करना चाहिए।
जीवन में भरत जैसे भाई और भक्त की छत्र छाया जरूरी
बाबू राजोरिया की भजन संध्या कल-
जब श्रीराम का राजतिलक हो रहा था तो हनुमान ने भरत को बहुत ढूंढा जब वो नहीं मिले तो उन्होंने श्रीराम से पूछा की प्रभु भरत कही दिखाई नहीं दे रहे। श्रीराम ने हनुमान को कहा की मेरे सिहासन के पीछे देखो, जब हनुमान वहां देखा तो भरत दिखाई दिए, वह श्रीराम के लिए मजबूती से छत्र पकड़ के खड़े थे। जीवन में इस तरह के भाई की छत्रछाया बहुत जरूरी हैं। भरत एक ऐसे भाई थे जिनको राजपाट से मोह नहीं था। श्रीराम के वनवास के समय उन्होंने पूरे 14 वर्ष उनकी चरण पादुका को ही अयोध्या का राजा माना। आज भाई भाई के बीच प्रेम कम देखने को मिलता है। भाई से भाई के बीच प्रेम में वृद्धि जरूरी है। श्रीराम जब वनवास गए तो उन्होंने रास्ते में मिलने वाले सभी लोगो को, चाहे वो किसी भी जाती के थे गले लगाया, किसी से भेदभाव नहीं किया। मां शबरी के झुठे बैर खाए। इसलिए श्रीराम को पतितपावन भी कहा गया है। ये प्रसंग साध्वी ऋतु पांडे ने प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और श्रीराम भक्त हनुमान की तपोभूमि वनेश्वर मारुति नंदन हनुमान मंदिर में समाजसेवी सुरेशचंद्र पूरणमल जैन, युवा समाजसेवी रिंकू जैन और नगरवासियों के सहयोग से चल रही श्रीराम कथा में सुनाएं। उन्होंने कहा की फुटतालाब के मंच जैसे बहुत कम मंच है जहां सभी को बराबर सम्मान मिलता है। जैन ने सभी का आभार मानते हुए प्रतिदिन सुबह 11 बजे प्रारंभ होने वाली श्रीराम कथा में नगर और जिलेवासियों से अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील की। कथा के दूसरे दिन महाआरती सीमा जैन, पूजा जैन, जैकी जैन ने सभी संतो के साथ मिलकर की। पहले दिन शाम के कार्यक्रमों में मथुरा के कला दल द्वारा श्रीकृष्ण की रासलीला की आकर्षक प्रस्तुति दी। युवा समाज सेवी रिंकू जैन ने बताया कि प्रतिदिन रात 9 कार्यक्रम प्रारंभ होंगे। मंदिर के महंत मुकेशदास महाराज, श्रीरामदास त्यागी टाटवाले बाबा और वनेश्वर मारुति नंदन हनुमान जयंती महोत्सव समिति के सभी सदस्यों ने जिले प्रदेश और नगरवासियों से प्रतिदिन आयोजन में आने का विनम्र आग्रह किया है।