दो कुपोषित बच्चों को सामुदायिक अस्पताल से बिना इलाज के घर भेजा

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
दो कुपोषित बच्चों को पेटलावद अस्पताल से बिना इलाज के घर भेज दिया गया। दरअसल अस्पताल में जगह नहीं होने के कारण बच्चों को भर्ती नहीं किया गया। इसमें एक बच्चे की हालत ज्यादा खराब है। पेटलावद अस्पताल में रविवार को क्षेत्र के ग्राम झावलिया से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दो कुपोषित बच्चों जूली पिता अनसिंग कटारा उम्र 2 वर्ष और पीयूष बहादुर कटारा 1 वर्ष दोनों निवासी झावलिया को पोषण पुनर्वास केंद्र पर लेकर आई। इसमें पीयूष की हालत बहुत ज्यादा खराब होने से उसका पेट फुल गया और हाथ पर जैसे जान ही नहीं है। इसके बावजूद उसे भर्ती न करते हुए जगह नहीं होने की बात कहकर घर भेज दिया और कहा कि 1 अगस्त को आ जाना। घर भेजने पर न तो उन्हें कोई दवाई दी गई, न कोई जांच की गई। इससे दोनों बच्चों का कुपोषण स्तर किस प्रकार से रुकेगा, क्योंकि 15 दिन में तो उनकी हालत ज्याद गंभीर होने की आशंका है। एक कुपोषित बच्ची जूली के पिता अनसिंग कटारा का कहना है कि 15 दिन में बच्चों की क्या स्थिति होगी जबकि उन्हें इलाज की तत्काल जरूरत है। दोनों बच्चों को 15 दिन बाद पोषण पुनर्वास केंद्र में रखने से क्या फायदा होगा। हम आज पूरी तैयारी से भर्ती करवाने के लिए ले गए थे, लेकिन निराश होकर घर लौटना पड़ा।
बीएमओ बेखबर
इस संबंध में बीएमओ डॉ उर्मिला चोयल से चर्चा करने पर उनका जवाब था कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। पोषण केंद्र के संचालक से चर्चा कर जानकारी निकलवाई जाएगी।