देरी से एफआइआर के मायने, ओर कोर ग्रुप मे ठीक से नही बनी बात

- Advertisement -

झाबुआ आजतक डेस्क ॥ बीते 48 घंटे मे भाजपा जिला अध्यक्ष “शैलेष दुबे” पर दो एफआईआर ओर उनके समथ॔क नेताओ पर राणापुर थाने मे एफआइआर ने भाजपा ओर जिले की राजनीति मे भूचाल ला दिया है जिला पंचायत बनाने मे नाकाम रही भाजपा के लिऐ यह एक बडा झटका है सदस्यता अभियान के अंतिम दोर से गुजर रही भाजपा को पुलिस ने दो ऐसे झटके दे दिये जिससे भाजपा के कई पदाधिकारी ओर जमीनी लोग परेशान है वजह है अभी तक भाजपा दिल्ली से लेकर झाबुआ तक अपनी कमीज सबसे उजली होने का दावा करती है अब बडा सवाल खडा है कि यह सब क्या था क्या पुलिस ने भडास निकाली या कुछ सच भी था ।

दोनो एफआइआर आराम से करने का मतलब यु समझे–अगर भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे ओर उनके समथ॔को  पर एफआइआर को बारीकी हे समझे तो संकेत साफ साफ दिखाई देते है मसलन 26 मार्च को शैलेष दुबे के मकान मे पुलिस ने छापा मारा..लेकिन दुबे के खिलाफ मामला अगले दिन बनाया गया । मतलब साफ है पुलिस के आला अधिकारियों से अनुमति लेकर ही दुबे को नामजद किया गया इसी तरह राणापुर में भी जिस आरोप मे शैलेष दुबे को उनके राजनीतिक साथियों मनोहर सेठिया ओर विजय नायर के साथ आरोपी बनाया गया वह भी घटनाक्रम के 48 घंटे बाद बनाया गया । शैलेष दुबे को दो दो मामलो मे नामजद किया गया ओर दुबे केंद्र ओर राज्य मे सत्तारुढ भाजपा के जिला अध्यक्ष है यह बात भी पुलिस प्रशासन अच्छी तरह जानता ही होगा उसके बावजूद भी पुलिस विभाग द्वारा दुबे को राडार पर लेना कई चोंकाने वाले सवाल खडा कर रहा है ।

सांसद एंव पेटलावद विधायक ने बनाई रहस्यमय दूरी–भाजपा के शीष॔ नेताओं पर दो दो एफआइआर होने के 30 घंटे से अधिक का समय गुजर चुका है लेकिन अभी तक सांसद दिलीपसिंह भूरिया ओर पेटलावद विधायक निर्मला भूरिया की चुप्पी समझ से परे है सुत्रों के अनुसार इन मामलो मे भूरिया ओर विधायक भूरिया दूरी बनाते दिख रहे है अगर समथ॔न मे होते तो 100 काम छोडकर दोनो कोर ग्रुप की बैठक मे या आपातकालीन हालत मे जरुर झाबुआ आते ॥

कोर ग्रुप की बैठक उफ॔ भाजपा पदाधिकारीयो की रणनीति आज यह बनी– दो एफआइआर दर्ज होने के बाद संकट मे आये भाजपा जिला अध्यक्ष दुबे ने आज भाजपा कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी लेकिन कोर ग्रुप मे शायद उपस्थिति कम थी लिहाजा भाजपा के चुनिंदा पदाधिकारीयो की बैठक बंद कमरे मे आहुत की गई । भाजपा की ओर से कोई अधिकृत बयान तो नही आया लेकीन हमारे सुत्रों के अनुसार यह तय किया गया कि एक प्रतिनिधि मंडल भोपाल जाकर प्रभारी मंत्री ओर भाजपा प्रदेश संगठन को सारे घटनाक्रमो से अवगत करवायेगें ॥

अब आगे क्या क्या हो सकता है —अब सबके मन मे सवाल उठ रहा इन दो एफआइआर के बाद आगे क्या होगा  ? क्या शैलेष दुबे गिरफ्तार होंगें ? क्या भाजपा जिला अध्यक्ष पद से शैलेष दुबे की छुट्टी होगी  ? अगर होगी तो अगला जिला अध्यक्ष कोन होगा ? क्या दुबे पर दज॔ मुकदमे वापिस होंगे ओर क्या भाजपा प्रदेश संगठन पुलिस को संदेश देने के लिऐ एसपी पर कोई कारवाई (तबादले) करेगा ? आदि आदि सवाल गुज रहे है लेकिन इसका जवाब अगले एक सप्ताह मे तय होगा अगर प्रदेश संगठन मंत्री अरविंद मेनन की चली तो दुबे की एफआईआर रद्द हो सकती है या उनका नाम बाहर हो सकता है ओर अगर मेनन की नही चली तो दुबे को दिक्कत आ सकती है ओर अगर दुबे हटे तो पुरुषोत्तम प्रजापति का नाम संगठन आगे ला सकता है । बहरहाल यह काल्पनिक सवाल है जिसका जवाब अगले सप्ताह तक मिल जायेगा ॥