देरी से आ रही ट्रेनो से मुसाफिरों की हुई फजीहत

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झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
सिंहस्थ महापर्व में आने और जाने वाले यात्रियो के साथ अन्य यात्रियों को भी ट्रेनो की लेट लतीफी से परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक ओर यात्री निर्धारित समय से अपने घरो पर नहीं पहुंच पा रहे हंै तो वही दूसरी ओर इन्हें स्टेशन पर लेने आने वालों को भी घंटों तक इंतजार करना पड रहा है। इन्दौर से मुंबई की ओर जाने वाली अवंतिका सुपर फास्ट एक्सप्रेस जहां शनिवार को अपने निर्धारित समय रात्रि के 8 बजकर 48 मिनट से 1 घंटा 44 मिनट की देरी से चलकर रात्रि के 10 बजकर 34 मिनट पर मेघनगर पहुंची, तो वही रविवार को यह ट्रेन 2 घंटे 19 मिनट की देरी से चलकर रात्रि के 11 बजकर 7 मिनट पर आई। वहीं रात्रि के समय रतलाम से मेघनगर को आने वाली एक मात्र पैसेंजर ट्रेन हबीबगंज दाहोद पैसेंजर डेमू जिसका निर्धारित समय रात्रि 10 बजकर 15 मिनट है से 2 घंटे 45 मिनट की देरी से रात्रि के एक बजे मेघनगर पहुंची। वही रविवार को यह ट्रेन ट्रेन 3 घंटे 34 मिनट की देरी से चलकर रात्रि के 1 बजकर 49 मिनट पर आयी। वही मुंबई की ओर जाने वाली जयपुर मुंबई सुपर फास्ट ट्रेन भी दोनों दिन अपने निर्धारित समय से देरी से आई तो अहमदाबाद की ओर जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस रविवार को अपने निर्धारित समय 10 बजे से 2 घंटे 15 मिनट की देरी से रात्रि के 12 बजकर 15 मिनट मेघनगर रेलवे स्टेशन पहुंची।
मेला स्पेशल को दाहोद से चलाए
सिंहस्थ महापर्व का अंतिम शाही स्नान 21 मई को होना है, जिसके लिए बड़ी संख्या में भारतभर के श्रद्धालु उज्जैन हेतु कूच करेंगे। वर्तमान में जहां हजारो हजार यात्री उज्जैन हेतू जा रहे है तो ऐसी दशा में रेल प्रशासन द्वारा रतलाम से चलाई जा रही मेला स्पेशल गाडिय़ों के रैक को दाहोद (गुजरात) तक कर देना चाहिए जिससे कि न तो यात्रियों को परेशानी होगी और न रेल प्रशासन को भी इससे राजस्व की प्राप्ति होगी। यदि यह मेला स्पेशल गाडी दाहोद से चलती है तो बडी संख्या में दाहोद सहित गुजरात के कई जिलो के एवं झाबुआ, अलीराजपुर, बांसवाड़ा, धार आदि के यात्रियो को मेघनगर से इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा। विगत शाही स्नान के एक दिन पूर्व भी दाहोद से रतलाम जाने वाली मेमू पैसेंजर ट्रेन में सैकड़ों यात्री बैठ नही पाये थे, और मेमू के बाद आयी मेला स्पेशल गाडी को स्थानीय स्टेशन प्रबंधक ने कंट्रोल रूम से चर्चा कर रुकवाकर उन यात्रियों को उसमें बैठाया था। अब रेल प्रशासन को अगले और अंतिम शाही स्नान के पूर्व इस ओर ध्यानाकार्षित करना चाहिये।
शनिवार को डेमू ट्रेन से रतलाम से मेघनगर आया जिसमें कई दिक्कतो का सामना करना पडा जहां ट्रेन पहले तो अपने निर्धारित समय से 2 घंटे की अधिक देरी से रतलाम आयी तो वही पूरे रास्ते स्टेशना के अलावा भी रूकते रूकते आने से रात्रि के 1 बजे मेघनगर पहुंच पाया। – पराग जैन, यात्री, रतलाम
मेरे परिवार की महिलायें एवं बच्चे उज्जैन से आ रहे थे, उन्हे लेने हेतु स्टेशन गया तो पता चला कि ट्रेन 3 घंटे लेट है, जब रात्रि 1 बजे स्टेशन पहुंचा तब पता चला ट्रेन और लेट हो गई और ट्रेन 2 बजे के आसपास आई, जिससे काफी परेशानी उठानी पड़ी।
– सूरजसिंह सोलंकी रहवासी मेघनगर
रेल प्रशासन को रतलाम से उज्जैन तक चलाई जा रही स्पेशल रेलगाडिय़ो को दाहोद तक कर देना चाहिए, जिससे कि जहां यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पडेगा तो वही रेलवे को भी अच्छा राजस्व प्राप्त होगा।
– राजेश बैरागी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व सदस्य रेल समिति
ट्रेनो में उमड रही भीड
प्रतिदिन सिंहस्थ महापर्व के कारण ट्रेन मे आने जाने वाले यात्रियों की भीड़ देखने को मिल रही है। आज शाम को दाहोद से रतलाम होते हुए उज्जैन जाने वाली मेमू में भी भारी भीड यात्रियों की एक तो आगे से भरकर आई वहीं मेघनगर से भी सैकड़ों यात्री इस ट्रेन में गए।
ट्रेन का रंग देख असमंजस मे पडे यात्री
आज मेमू ट्रेन की जगह दूसरी रेक भेजी गई जिसका कि रंग मेमू के रंग से अलग था अलग रंग देखकर ग्रामीण सहित सभी यात्री कहने लगे कि ये मेमू नही सुपर गाड़ी है मत बैठो इसमें, तभी स्टेशन प्रबंधन ने माईक में जब अलाउंस किया कि उक्त गाडी मेमू है तब गाडी में बैठने वालो की भीड उमड़ी।