थांदला-खवासा मार्ग उखेड़ा धूल के गुबार से फसले खराब, बच्चे बीमारियों की चपेट में

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
थांदला से खवासा को जोडक़र बामनिया मार्ग की खस्ता हालत को देखते हुए आज बड़ीधामनी पर ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। इसके पूर्व रविवार को ग्रामवासियों ने एसडीएम एसएन दर्रो को ज्ञापन भी सौंपा था व मार्ग के चक्काजाम करने की पहले ही चेतावनी दे चुके थे, जिस पर किसी भी प्रकार का संतोषप्रद जवाब न मिलता देख आज ग्रामवासियों ने ग्राम बड़ीधामनी में एकत्रित होकर चक्काजाम किया।
ग्राम पंचायत बड़ी धामनी के सरपंच ने बताया कि रोड निर्माण के साथ ही पहली बारिश यह घटिया किस्म का रोड झेल नहीं पाया और बड़े-बड़े गड््ढे रोड पर उभर आए थे। अब रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पिछले तीन से चार माह पूर्व से रिपेयरिंग के नाम पर खोद रखा है लेकिन पैचवर्क के साथ रोड निर्माण अभी तक शुरू नहीं किया। रोड को उखेड़ देने से रोड के दोनों किनारों पर स्थित खेत में खड़ी फसले खराब हो रही है और गांव के लोग धूल के कारण श्वास रोग से परेशान है। इसी के साथ रोड पर मिट्टी व गिट्टी के कारण आए दिन दुर्घटना हो रही है। इसी के विरोध में ग्रामवासियों व किसानों ने चक्काजाम शुरू किया है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक प्रशासन आश्वासन दे। अगर प्रशासन आश्वासन के बाद रोड निर्माण शुरू नहीं किया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा। सरपंच दीपक बिलवाल ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से आव्हान किया वे अमेरिका से मध्यप्रदेश की सडक़ को बेहतर बता रहे हैं तो वे एक बार झाबुआ जिले के थांदला से रतलाम तक का सफर चारपहिया वाहन से ही कर ले, राहगीरों की परेशानी का पता चल जाएगा और सडक़ भी अमेरिका से मप्र में बेहतर है यह गफलत सीएम साहब की दूर हो जाएगी।
रोड से उड़ रहे धूल के गुबार- बच्चे हो रहे परेशान
गांव की महिला मंजू डामोर ने बताया कि रोड से उड़ रही धूल के कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। रोड के किनारे घर होने के चलते खाना पकाने से लेकर खाने व सोने तक 24 घंटे धूल के गुबार उड़ रहे हैं जिसका जिम्मेदार को कोई लेना देना नहीं है। पूर्व जनपद उपाध्यक्ष मथियास रावत ने कहा कि रोड का जब निर्माण कार्य चल रहा था तब ही उन्होंने घटिया रोड निर्माण की शिकायत की थी, लेकिन उनकी इस बात पर जिम्मेदारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। अब पिछले तीन वर्षों से घटिया पैचवर्क भी किया जा रहा है जबकि गारंटी समयावधि में इस रोड का पुन: निर्माण किया जाना था परंतु प्रशासन एवं ठेकेदार की मिलीभगत के चलते इस रोड की दुर्दशा का खामियाजा ग्रामीण व राहगीरों को अब भुगतना पड़ रहा है। वही ग्राम सुजापुरा के वरिष्ठ खीमा आर्य ने बताया कि धूल-मिट्टी से परेशान होकर घरों के दरवाजे, स्कूलों की खिड़किया बंद रखनी पड़ती है। मंदिरों पर भी धूल इस कदर जम चुकी है कि रोजाना सफाई के बाद भी धूल के गुबारे जमे हैं। शासन द्वारा ओर कुछ नहीं तो बच्चों के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना चाहिए। गांव में करीब 25 लोग टीबी की बीमारी की चपेट में है।
पुलिया की जगह रोड
रोड के निर्माण के मात्र एक वर्ष पश्चात ही एक पुलिया जिसका निर्माण न करते हुए एचएस मेहता कंपनी ने निर्माण कर दिया था जिसके कुछ समय बाद ही रोड टूट चुका था जिस का कारण लंबे समय तक झाबुआ-रतलाम मार्ग अवरुद्ध रहा था एवं रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे होना पहली बारिश के बाद से शुरू हो चुका है परंतु शासन की ओर से ठेकेदार पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करते हुए प्रतिवर्ष मात्र पैचवर्क करवाकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली जाती है।

तहसीलदार ने दी समझाइश
चक्काजाम को लेकर तहसीलदार बड़ीधामनी पहुंचे जहां उन्होंने ग्रामीणों को समझाइश दी लेकिन ग्रामीणों ने तहसीलदार की बात को नकारते हुए कहा कि रोड कंपनी के जिम्मेदार जब तक रोड बनाने का आश्वासन नहीं देंगे तब तक चक्काजाम जारी रहेगा।