चुई की पहाडी से निकला अनुमान ; अगले मानसून मे होगी ओसत बारिश

- Advertisement -

झाबुआ Live के लिए ” राणापुर” से ” मयंक गोयल ” की EXCLUSIVE ग्राउंड रिपोर्ट ।20161030_122954

आने वाले मानसुन सत्र 2017 ( 15 जून से 15 अक्टूबर ) के बीच ओसत बारिश होगी ; थोडे संघष॔ के बाद फसल तो पक जायेगी लेकिन पानी की कम पशुओ ओर इंसानो के लिए अप्रेल से 15 जून तक मुसीबत बनेगी । जी हा यह भविष्यवाणी है स्थानीय जनजाति समाज की । जो हर दीवाली पर राणापुर थाना क्षेत्र के ” चुई” गांव की बाबा देव की एक पहाड़ी पर ” एक भैंसे की बलि ओर उसके बाद उसके ” धड़ ” को पहाड़ी से लुढकाकर एक पैरामीटर तक धड के पहुंचने की प्रक्रिया से किया जाता है । हर साल की तरह इस बार भी हजारो ” ग्रामीणो” की मोजूदगी मे यह उत्सव भविष्यवाणी परंपरा अपनाई गयी । इस परंपरा पर विश्वास करने वाले ग्रामीणो का कहना है कि इस बार भैसें का धड अटक अटक कर नीचे आया है ओर पिछली बार की तरह पूरी दूरी तय नही की है लिहाजा इस बार बारिश थोडी कम होगी ओर बोवनी के बाद एक पखवाड़े तक पानी नही गिरेगा । उसके बाद इतना पानी गिर जायेगा कि फसल पक जाये । ग्रामीण  ” हेमचंद्र  ” कहते है कि हम इस परंपरा के जरिए सालो से बारिश का हाल जानते आये है ओर आज तक इस पहाडी पर बलि परंपरा से जानी गयी भविष्यवाणी कभी गलत नही हुई इसलिए हमे इस पर भरोसा है ओर इस बार जो अनुमान लगा है वह ओसत बारिश का है इसलिए बोवनी सत॔कता से करना होगी ओर कम पानी मे पक जाये ऐसी फसल अगली खरीफ के दोर मे बोयेंगे । इसी आयोजन मे आये एक युवा ” कमलेश डामोर  ” से जब यह पूछा गया कि आप टीवी – पेपर की भविष्यवाणी या बारिश के अनुमानो पर भरोसा करते है या इस पहाडी की इस प्राचीन परंपरा पर तो युवक   ने कहा कि हमारा जनजातिय समाज सिफ॔ चुई की इस पहाडी से दीवाली पर हुई बलि के आधार पर आये अनुमानो को सही मानता है । चुई गांव के इस आयोजन के दोरान बडी संख्या मे लोग जुटते है ।

लगता है मेला – महिलाओ से दूरी

=====================

चुई गांव मे हर दीवाली पर होने वाले इस आयोजन मे जुटने वाली हजारो की भीड को देखते हुए करीब 3 घंटे का एक छोटा मेला भी लगता है जिसमे खाने पीने की दुकाने ओर खिलोने के साथ साथ पटाखो की दुकाने भी शामिल है । इस आयोजन की खास बात यह है कि इस आयोजन मे महिलाए एक निर्धारित दूरी पर रोक दी जाती है हालांकि कुछ साल पहले तो आने पर भी पाबंदी थी । दिलचस्प बात यह है कि इस पहाडी पर चढने के पहले सभी को अपने जूते – चप्पल उतारने पडते है ।

पुलिस देती है सुरक्षा कवर

=================

इस पूरे आयोजन मे दिलचस्प बात यह है कि राणापुर पुलिस पूरी सुरक्षा व्यवस्था संभालती है । हालांकि मेला इंतजाम के नाम पर पुलिस वहां पहुंचती है । चूंकि हजारो की भीड होती है इसलिए पुलिस भी मोजूद रहती है तो राजस्व विभाग के कोटवार भी बंदोबस्त संभालते है । मोरडूंडिया पुलिस चोकी इंचार्ज के एस मंडलोई कहते है कि वे ओर उनकी टीम भारी भीड को देखते हुए इंतजाम करने आई है बाकी कुछ नही कह सकते ।