किसानों ने सडक़ों पर उड़ेला दूध, फेंके प्याज-आलू किया सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
दूध और सब्जियों के उचित दाम की मांग कर रहे किसानों के आंदोलन का असर पेटलावद क्षेत्र में शुक्रवार को बड़ा असर दिखाई दिया जिसमें पेटलावद में सडक़ों पर दूध उड़ेला गया तो सारंगी में रोड पर प्याज फेंके गए वहीं टेमरिया में मंडी जा रहे सोयाबीन से भरे ट्रैक्टरों को किसानों ने वापीस पलटाया। आंदोलन के दरमियान किसानों की अपनी साथियों से कहा सुनी भी हुई बीच बचाव में पुलिस को भी आना पड़ा। इसके साथ ही शासकीय और अशासकीय दुग्ध समितियों ने गुरूवार से दूध लेना भी बंद कर दिया है। किसानों और पशुपालकों का कहना है कि सरकार को हमारी चिंता नहीं है। वह हमारे उत्पादों के दाम घटाने में लगी हुई है जबकि बाजार से अन्य सामान, बीज, दवाई, कीटनाशक आदि महंगे मिल रहे है तो फिर किसान की फसल व दुग्ध सामग्री सस्ती क्यों कर रहे है। सरकार को चाहिए कि किसानों की उपज, दुग्ध और सब्जियों का दाम निश्चित करें और किसानों को लाभ दे जिससे देश का विकास होगा। यदि किसान समृद्ध नहीं होगा तो देश भी तरक्की नहीं करेगा।
परेशान बोल-
किसान गोवर्धन चौहान का कहना है कि सरकार भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है। किसानों से सस्तें में खरीदी की जा रही है और बाजार में महंगे में बेचा जा रहा है। किसान मोहन हामड़ का कहना है कि हम इस बंद का समर्थन करते हुए 10 दिनों के इस आंदोलन में सभी किसान बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे और सरकार नहीं मानी तो आगे में आंदोलन करेंगे। वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद और किसान प्रदीप परमार का कहना है कि सरकार से हम मांग कर रहे है कि वे जल्द ही समस्याओं का निराकरण करें अन्यथा आने वाले चुनावों में इसकी हानी उठाना पड़ सकती है। किसान सब संगठित है और मांगे नहीं मानने तक आंदोलन लगातार जारी रहेगा।