कटप्पा की तरफ अबूझ पहेली बना ” कांसवा”

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झाबुआ live डेस्क ” के लिऐ लोकेंद्र चाणोदिया & हरीश राठौड की EXCLUSIVE रिपोर्ट ।

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आज पेटलावद ब्लास्ट को सात दिन पूरे हो गये है लेकिन हादसे का मुख्य आरोपी ” राजेंद्र कांसवा ” जिंदा है मर चुका है यह बात पुलिस के नजरिए ने ” कटप्पा की तरह अबूझ पहेली ” बना कर रखा दी है मामले मे गठित एनआईटी की गति काफी धीमी है जबकि 22 टीमे लगी है ओर सीएम खुद मामले मे प्रगति की समीक्षा कर रहे है ।लेकिन उसके जिंदा होने ओर पुलिस के नजर मे होने के यु तो बहुत से आधार है मगर हम नये सिरे से सिर्फ दो आधार दे रहे है जिसे आप भी सोचिए —

1)- एसआईटी ने डीएनए सेंपल उसके परिवार को पकडने के बावजूद नही लिऐ ओर अब डीएनए सेंपल जांच के लिए भेजे जाने की बात हो रही है यहा झाबुआ live का अनुमान है कि ” कांसवा ” जिंदा है इसका पुलिस को ठोस सबूत मिल गया था इसलिये डीएनए पर जोर नही दिया ओर अब शायद उनकी हिरासत मे या निगाह मे है इसलिये जरुरी नही समझा ।

2)- जिस गोल्डन टेंपल ट्रेन मे कांसवा परिवार के मुंबई जाने की पुष्टि खुद पूछताछ उसकी पत्नी ने कर दी उसी ट्रेन मे राजेंद्र कांसवा के बैठकर भागने का खुलासा 5 दिन पहले हुआ था तो 5 दिन बाद भी आरक्षण चाट॔ एनआईटी के पास क्यो नही ? क्योकि शायद राजेंद्र कांसवा पुलिस के पास या निगाह मे है उसे पकडने के लिऐ अब आरक्षण चाट॔ की जरुरत नहीं है अलबत्ता चालान मे सबूत के लिऐ जरुरी है इसलिए देरी से मांगा गया है ।