एकलव्य मॉडल स्कूल में जिला मजिस्ट्रेट ने बताया शिक्षा का महत्व

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आरिफ हुसैन@आज़ाद नगर

चंद्र शेखर आज़ाद नगर में अलीराजपुर जिला मजिस्ट्रेट का एकलव्य मॉडल स्कूल सेजवाड़ा में विधिक न्यायाधीश का आगमन हुआ जिसके स्वागत हेतु खंडशिक्षा अधिकारी एवं खण्डस्रोत समन्वयक शेलेन्द्र सिंह डावर द्वारा स्वागत किया गया। मॉडल स्कूल प्रभारी सुनील गोयल द्वारा स्वागत किया गया।जिला मजिस्ट्रेट ने विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन देते हुए कहा कि हमारे देश मे संविधान में 39 क है जिसमे अध्याय 4 में लिखित है । विधिक सेवा प्राधिकरण 1987 अधिनियम के अंतर्गत शालाओ में जाकर नागरिको को उनके कर्तव्य का पालन के बारे में समझाया जाए। न्यायाधीश को इस कार्य के लिए लगाया गया। है इस कार्य में अधिनियम में अगर कोई आता है तो वे तत्काल आवेदन दे उसकी तत्काल कार्यवाही होगी। शासन प्रशासन व राज्य ने यह योजना अंतर्गत स्कूलों में जाकर इस विधिनियम की जानकारी देने का कार्य दिया है।टीनएज का क्या तात्पर्य है।थर्टीन से थर्टी तक जाने वाली संख्या टीन एज होती है।हम समय पर पढ़े हम समय पर खेले समय पर सोने का कार्य हमारा अनुशासन है।ओर हमने अगर जन्म लिया है तो सभी लोग हमें जाने ऐसा कार्य करना चाहिए। हमेशा हमारा कोई लक्ष्य होना चाहिए। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 4 सोपान होते है।जिसे प्राप्त करने से हम अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेते है।जिस प्रकार मछली अच्छे से तैरती है। पक्षी अच्छे से उड़ सकता है। ऐसे ही हमे भी अपने कार्य को सोचना होगा।अगर सफलता के लिए हम पहला कदम रखते है आपका सबसे पहला सामना विफलता से होगा।ऐसे में हम अपने कदमो को रोकने का कार्य न करे।कर्तव्य ओर अधिकार एक दूसरे के पूरक है। अगर हम सोचे कि शिक्षक का कर्तव्य है के वो बच्चो को पढ़ाये। लेकिन बच्चो का भी कर्तव्य है के वो पढाई पर ध्यान दे। ये आपका कर्त्तव्य भी है और अधिकार भी है। बी आर सी डावर द्वारा बच्चो को अनुशासन में रहने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने हेतु मार्गदर्शन दिया । शिक्षा एक ऐसी व्यवस्था है जो कभी दिखाई नही देती अपितु  जब हम ऐसे पड़ाव पर पहुचते है तब हमें ज्ञात होता है कि आज वो शिक्षा मेरे लिए मेरे परिवार के लिए समाज के लिए कितनी जरूरी है। बीएसी व सीएसी उपस्थित रहे।

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