भाजपा पार्षद अधिकृत प्रत्याशी के सामने ही भाजपा के विरोध में, मंडल महामंत्री ने पत्नी को निर्दलीय उतारा मैदान में

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आरीफ हुसैन, चन्द्रशेखर आज़ाद नगर 

नगर परिषद आज़ाद नगर में चुनावी रणनीति को लेकर वार्ड क्र. 8 में भाजपा के निर्दलीय पार्षद उम्मीदवार को लेकर हम आपको एक खास रिपोर्ट बताने जा रहे हैं। वार्ड 8 में भाजपा और मंडल महामंत्री की धर्मपत्नी को लेकर अब एक रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

भाजपा पार्षद अधिकृत प्रत्याशी के सामने ही भाजपा के विरोध में है, मंडल महामंत्री ने पत्नी को निर्दलीय मैदान में उतार दिया। भाजपा ही अपने निर्दलीय (बागी) मंडल महामंत्री की पत्नी का नामांकन वापस लेने में नाकाम रही। आपको बताते चले कि जहां पर भाजपा ने अपना अधिकृत प्रत्याशी उतारा है, वहीं भाजपा मंडल महामंत्री की धर्मपत्नी पूर्व में भाजपा से ही पार्षद रही है और अब भाजपा से बागी होकर निर्दलीय के रूप में मैदान में है। आखिर भाजपा क्यों नहीं खिंचवा पाई बागी मंडल महामंत्री की पत्नी का फार्म, यह सोचने वाली बात है।

पद से क्यों नहीं हटाए जाते मंडल महामंत्री?

अगर बात करें वर्ष 2012 में नगर परिषद चुनाव की तो तब वार्ड क्र.10 में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी। भाजपा पार्टी का चिन्ह छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़ा गया था और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। तब भी निर्दलीय जीते हुए पार्षद भाजपा मंडल महामंत्री पद पर काबिज रहे। मंडल महामंत्री को अपने आप मे यही अहंकार है कि उन्हें भाजपा के चिन्ह कमल का फूल ना भी हो तो वो चुनाव निर्दलीय जीत कर भी पार्टी में मंडल महामंत्री पद पर बने रहेंगे। पार्टी को उनकी जरूरत है उनको पार्टी की नहीं। क्योंकि वो तो हमेशा निर्दलीय चुनाव जीते हैं। फिर भी उन्हें पार्टी और पद से बाहर कभी भी नहीं किया जाता।

अब देखना यह है कि वार्ड क्र.8 में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी जीत पाएंगे या बागी मंडल महामंत्री की धर्मपत्नी।

ऐसी ही चुनावी हलचल जानने के लिए बने रहे झाबुआ-अलीराजपुर लाइव के साथ…।