कुछ इस तरह से परीक्षा देने आए, स्कूली बच्चे‌ यदि इन्हें कुछ हो जाता तो‌ जवाबदेही किसकी

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सोंडवा। आज सोंडवा तहसील मुख्यालय पर आठवीं में पास  बच्चों की एक राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया। बताया जाता है कि इस छात्रवृत्ति में जो बच्चे पास  होते हैं उन्हें 2500 रुपए की राशि सरकार द्वारा दी जाती है। इस राशि को प्राप्त करने के लिए बच्चों  के लिए परीक्षा का आयोजन होता है। 

आज उसी परीक्षा का आयोजन सोंडवा मुख्यालय पर रखा गया था विभिन्न जगहों के बच्चे इस परीक्षा को देने सोंडवा तहसील मुख्यालय आए। जिसमें कुछ बच्चे बस की छतों पर बैठे हुए नजर आए तो कुछ पिक अप में ऊपर बैठे हुए और यहां तक कि बच्चियां भी पिकअप में ही लटकी हुई थी। सवाल यह है कि यदि इन बच्चों के साथ कोई अनहोनी हो जाती है! तो उसका जवाबदार कौन!  और दूसरी बात यह कि बच्चों को यदि परीक्षा ही दिलवाना थी तो परीक्षा केंद्र तहसील मुख्यालय ही क्यों बनाया गया। उन्हें पास के ही  किसी परीक्षा केंद्र में क्यों नहीं परीक्षा दिलवाना सुनिश्चित किया गया। यदि तहसील मुख्यालय पर ही परीक्षा केंद्र बनाए जाना जरूरी था तो बच्चो के लिए परिवहन की सुविधा जनक व्यवस्था करना थी।   क्या बच्चों की जान से ज्यादा 25 सो रुपए के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा है।