सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ना देने वाले ” एसडीएम” सैयद अशफाक अली” के खिलाफ शोकाज नोटिस जारी

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चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

वत॔मान मे अलीराजपुर मे पदस्थ एसडीएम ओर तत्कालीन समय मे झाबुआ एसडीएम सैयद अशफाक अली की मुश्किलें अब बढ सकती है मध्यप्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त ” सुरेंद्र सिंह” ने 22 नवंबर को जारी अपने एक आदेश मे सैयद अशफाक अली पर झाबुआ के एक दिव्यांग युवक प्रवीण पडियार को सूचना के अधिकार मे वैधानिक तरीके से जानकारी ना देने के आरोप को सही पाया है .. राज्य सूचना आयुक्त ने अपने आदेश मे लिखा है कि सैयद अशफाक अली जो कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी थे उन्होंने आवेदक दिव्यांग प्रवीण पडियार को समय सीमा मे जानकारी उपलब्ध ना करवाकर सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा -7 का उल्लंघन किया है ओर उनका यह कृत्य सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 ( 1 ) के तहत कार्यवाही योग्य है .. राज्य सूचना आयुक्त सुरेंद्र सिंह ने अपने आदेश मे लिखा है कि सैयद अशफाक अली के को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाये ओर 3 जनवरी 2019 को उन्हें तलब कर उन्होंने ऐसा क्यो किया यह उनके पक्ष के जरिए जाना जाये । साथ ही राज्य सूचना आयुक्त ने आदेश मे लिखा कि समय सीमा मे जानकारी ना देने ओर रुकावट पैदा करने के लिए क्यो ना सैयद अशफाक अली पर सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 20 ( 1 ) के तहत अधिकतम शास्ति अधिरोपित करने की कारवाई प्रारंभ की जाये ।

इस जानकारी को देने से बच रहे थे सैयद अशफाक अली
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आवेदक दिव्यांग प्रवीण पडियार ने दिनांक 13 अप्रैल 2017 को लोक सूचना अधिकारी कलेक्टर कार्यालय झाबुआ से यह जानकारी मांगी थी कि झाबुआ शहर मे शाशकीय भूमि की सन 1959 – 60 एंव 2017 की खाता खसरा नकलो की प्रमाणित प्रतिलिपि अलग अलग मांगी थी .. साथ मे यह भी मांगा था कि अगर 1959 -60 से लेकर 2017 तक अगर शाशकीय भूमि किसी को आवंटित की गयी तो आवंटन संबंधी सभी दस्तावेज की प्रमाणित प्रतिलिपि आवेदक को उपलब्ध करवाई जाऐ .. चुंकि उस समय लोक सूचना अधिकारी ओर एसडीएम झाबुआ सैयद अशफाक अली थे लिहाजा यह जानकारी समय सीमा मे देना उनकी जिम्मेदारी थी ।

अधिकारियों के षडयंत्रों से ऐसे जंग जीती दिव्यांग प्रवीण पडियार ने

दिव्यांग आवेदक युवक प्रवीण पडियार

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A) – दिव्यांग युवक प्रवीण पडियार ने 13 अप्रैल 2017 को सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाया था नियमानुसार 30 दिन के भीतर यानी 13 मई 2017 के पहले प्रवीण को यह जानकारी मिल जाती मगर अफसरों की नियत जानकारी देने की नही थी लिहाजा अफसर घुमाते रहे ओर कागजी पत्र इधर से उधर दोडाते रहे मगर जानकारी नहीं दी ..।

B) – जानकारी ना मिलने पर दिव्यांग युवक प्रवीण पडियार ने प्रथम अपीलीय अधिकारी कलेक्टर झाबुआ आशीष सक्सेना के यहां अपील दायर की .. इस पर सुनवाई के बाद झाबुआ कलेक्टर आशीष सक्सेना ने 13 जून 2017 को यह आदेश दिया कि आवेदक ” प्रवीण पडियार” को जानकारी दी जाये लेकिन शुल्क लिया जाए ।

C)- कलेक्टर के इस आदेश से प्रवीण पडियार संतुष्ट नही हुऐ क्योकि नियमानुसार अगर 30 दिन की समय सीमा मे जानकारी नहीं दी जाती तो फिर जानकारी निशुल्क देनी होती है इस पर प्रवीण ने राज्य सूचना आयुक्त को 23 जून 2017 को अपील की .. यह अपील राज्य सूचना आयोग मे लंबित हो रही थी इसलिऐ प्रवीण पडियार ने जल्दी न्याय के लिए मध्यप्रदेश हाइकोट॔ की इंदोर बैंच की शरण ली ।

D)- सुनवाई के बाद हाइकोट॔ के जज ” जस्टिस रोहित आय॔ ” ने राज्य सूचना आयोग को 12 अक्टूबर 2018 को आदेश दिया कि अगले 30 दिन के भीतर मामले की सुनवाई पूरी कर निपटारा किया जाये ।

E)- हाइकोट॔ के आदेश के बाद राज्य सूचना आयोग ने मामले की सुनवाई की ओर 22 नवंबर को आदेश जारी कर जानकारी देने का आदेश जारी किया ओर सैयद अशफाक अली के खिलाफ कारवाई सुनिश्चित करने का फैसला किया ।

पुनश्चः – सूचना के अधिकार अधिकार अधिनियम मे अधिकारी ओर विभाग ठीक उसी प्रकार सूचना देने के लिए बाध्य है जिस प्रकार विधानसभा प्रश्नों को गंभीरता से लेकर देते है । साथ ही 30 दिन मे अगर जानकारी आपको ना मिले तो आप अपील मे जाकर निशुल्क जानकारी हासिल करे । स्मरण रहे अधिकारी ओर विभाग आम जनता को सूचना देने से बचते है ओर इधर उधर कागज दोडाते है लेकिन आप जुझे .. एक दिन सफलता ओर चाही गयी सूचना आपको जरुर मिलेगी ।