पर्युषण पर्व के 5वे दिन मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय में महावीर जन्मोत्सव का प्रसंग आते ही केसरिया रंग के साथ खुशी से झूम उठे समाजजन

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मयंक गोयल, राणापुर

पर्युषण के पांचवे दिन श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय में वीर जन्म वांचन हुआ। इस अवसर पर भगवान महावीर की माता त्रिशला द्वारा देखे गए 14 स्वप्नों बोली बोलकर लाभार्थी परिवार की श्राविकाओं ने झेले। मंदिर में चांदी के पलTने में भगवान को पहली बार झुलाने की बोली विमल कटारिया ने दूसरी झुलाने की सुभाष जैन कुंदनपुर वालो ने ली । भगवान की आरती सुभाष जैन ,मोतीलाल कटारिया ने मंगल दिवा चन्द्रसेन कटारिया ने ,गुरुदेव की आरती लक्की जैन ने, पूण्य सम्राट की आरती मदनलाल नाहर ने एवम ज्ञान जी की आरती मनोहरलाल नाहर ने ली । इसके साथ ही वर्ष भर के मंदिर में लगने वाली घी, केसर,ब्रास, धूप आदि की बोली भी हुई । भगवान के पालने को घर ले जाकर रात्रि जागरण और भक्ति की बोली गौरव मेहता ने ली । जैसे ही भगवान के जन्म की घोषणा झांझर बजाकर लाभार्थी नरेंद्र जैन परिवार ने की वैसे ही श्रावक श्राविकाओं ने अक्षत उछाले ,श्रीफल बधार कर अपनी ख़ुशी जाहिर की।त्रिशला नन्दन वीर की,जय बोलो महावीर की नारे से पूरा परिसर गूंज उठा।ढ़ोल ढमाको के बीच ख़ुशी व उत्साह से भरे युवक युवतियां नृत्य करने लगे।केशरिया छापे लगाये गए। इसके बाद एक शोभायात्रा के रूप में सभी लोग नगर में घूमे । प्रभावना लखमीचन्द नाहर,निरंजन जैन बाँटी गई। संचालन जितेंद सालेचा एवम रजनीश नाहर ने किया । शाम को पालना घर लेजाने वाले लाभार्थी गौरव मेहता के यहाँ पार्श्व संगीत मण्डल के पवन नाहर,जितेंद्र सालेचा ओर कमलेश कटारिया की मधुर आवाज ओर धार्मिक गीतों पर जोरदार भक्ति की यहाँ भी समाजजन खूब झुमें और भक्ति का आनंद लिया ।