नगर पालिका अध्यक्ष सेना पटेल का निर्वाचन शून्य घोषित; सेना पटेल का बयान- राजनीतिक द्वेष के कारण की गई कार्यवाही …

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  1. आलीराजपुर Live डेस्क
    मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग सचिव अजयसिंह गंगवार ने बीते 23 दिसम्बर को दिनो एक आदेश जारी कर आलीराजपुर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सेना पटेल को पूर्व परिषद द्वारा किये गए एक दुकान आवंटन के मामले दोषी पाते हुए उनका चुनाव शून्य घोषित किया और उन्हें अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से हटाने के के आदेश भी दिए है। साथ ही यह भी आदेश दिए गए कि वे अगली पदावधि के लिये अध्यक्ष/उपाध्यक्ष या किसी समिति के अध्यक्ष पद धारण नही कर सकते है।
    यह है पूरा मामला
    आपको बता दे कि तत्कालीन उपाध्यक्ष विक्रम सेन ने शासन को एक शिकायत की थी, जिसकी शिकायत के बाद लम्बे समय से जांच चल रही थी। उन पर आरोप थे कि उन्होंने बस स्टैंड पर बुनियादी शाला के पास की दुकान नम्बर 2 की नीलामी के सम्बंध में परिषद की सक्षम स्वीकृति के बिना ही विज्ञप्ति जारी की थी और उसे सुरेशचन्द्र कुमरावत को 9 लाख रुपये की बोली में आवंटित कर दी गई थी, लेकिन उसमें मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 109 की उपधारा (3) के परन्तु (दो) में उल्लेखित प्रावधान के अनुसार 50 हजार से अधिक मूल्य की दुकान नीलामी के सम्बंध में शासन स्वीकृति प्राप्त की जानी थी, जो नही की गई। वहीं जो मूल्य निर्धारित किया गया था उससे 6 लाख रुपये कम में दुकान नीलाम कर दी गई। ऐसे ओर भी आरोप थे। इन शिकायतों का निराकरण करते हुए मप्र शासन ने उन्हें दोषी ठहराते हुए अयोग्य घोषित कर दिया।
    सामने आया सेना पटेल का पक्ष
    इस पूरे मामले को लेकर आलीराजपुर Live नपं अध्यक्ष श्रीमती सेना पटेल ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में पहले एक आदेश जारी होता है, जिसमे मुझे नही बल्कि सीएमओ को दोषी करार देते हुए उन पर 10 लाख का जुर्माना किया गया था, वहीं आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा था कि उन्हें यह सजा इसलिए दी जा रही है कि उन्होने दुकान का गलत तरीके से आवंटन किया और नगर पालिका अध्यक्ष को भी मामला संज्ञान में नही लाया गया। अब उसी मामले में एक ओर फैसला यह साबित करता है कि कैसे राजनीतिक द्वेष, दुर्भावना के चलते यह कार्यवाही की गई है। इसमें मैं कहीं भी दोषी नही हूँ, मैं अपने वकीलों से सलाह ले रही हूं, इस फेसलो को हम उचित प्लेटफार्म पर चेलेंज करेंगे।
    यह बोले शिकायतकर्ता
    शिकायतकर्ता विक्रम सेन ने प्रतिक्रिया देते हुए बताया तत्कालीन नगर परिषद ने नियम विरुद्ध कार्य किया था, जिसकी मैंने शिकायत की थी, अब शिकायत पर जांच के बाद काफी देरी से फैसला आया आया है।