बोहरा समाज ने ईद मनाई, देश की तरक्की, खुशहाली एकता और शांति के लिए दुआ की गई

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

दाऊदी बोहरा समुदाय 30 दिन के रोजे के बाद मंगलवार को ईद-उल-फितर का पर्व पूरे उत्‍साह और उमंग के साथ मनाया गया । ईस मौके पर धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की रजा मुबारक से 30 दिनों के लिए पधारे जनाब हुसैन भाई साब सादरी वाला ने ईद की नमाज अदा कराई और खुशी की मजलिस की सदारत फरमाई। इसके साथ ही देश की तरक्की, खुशहाली एकता और शांति के लिए दुआं की गई।

सबील कमेटी के मेम्बरो ने बताया कि ईद की पूर्व संध्या और सुबह नमाज अदा करने के लिए समाजजन नए परिधान में अपनी स्थानीय मरकज इवाने हुसैनी और सामुदायिक केंद्रों में एकत्रित हुए। परंपरागत रूप से ईद मनाते हुए ‘खारक’ (सूखे मेवे से भरे खजूर) खाकर और ‘शीर खुरमा’ से मुंह मीठा किय गया। ईद की नमाज के बाद और सामूहिक रूप से सभी लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। दाऊदी समाज के बच्‍चों व महिलाओं में भी ईद के मौके पर हर्षो उल्‍लास नजर आया। घर-घर में सिवइयों की खीर व शीर-खुरमे से एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया।

गौरतलब है कि दाऊदी बोहरा समाज मिश्री कैलेंडर के आधार पर पर्व मनाता है। सोमवार को बोहरा समाज के 30 रोजे पूरे हो गए और मंगलवार को ईद का जश्न मनाया गया दुनिया भर के बोहरा समाज के लिए, ईद उल फितर परिवार और दोस्तों के साथ अपने बंधन को मजबूत करने और एक दूसरे के प्रति दया, उदारता और करुणा के मूल्यों को अपनाने का एक अवसर है। दाऊदी बोहरा खुशी और कृतज्ञता के साथ ईद-उल-फितर मनाने के लिए एक साथ आते हैं।रमजान माह के 30 दिनों के इफ्तार वा भोजन की व्यवस्था को सम्भाला सबील कमेटी के हुसैन भाई, बुरहानुद्दीन भाई, हुजैफा भाई,मुर्तुजा भाई, अब्देली भाई, जुजर भाई,मुस्तफा भाई,अब्बुतालीब भाई के द्वारा जिसकी सराहना करते हुवे समाजजानो ने सभी के लिए की दुआ।