आई.पी.वी. का शुभारंभ ‘‘एक टीका देगा पोलियो से डबल सुरक्षा’’

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1आलीराजपुर लाइव के लिए अलीराजपुर से रिजवान खान की रिपोर्ट।
मध्यप्रदेश में पोलियों टीकाकरण का नया टीका आइपीवी जिले में आज को जिला पंचायत अध्यक्ष अनिता नागरसिंह चोहान के मुख्य आतिथ्य में पोलियो की दो बंूद पिलाकर प्रारंभ किया गया तथा एएनएम निर्मला डोडवे द्वारा बेबी ऋषिका कलम कनेश एवं अंजली राहुल को आइपीवी का टीका लगाया। जिले में एक व्यापक जन अभियान के रूप में पोलियो के खिलाफ लड़ाई लड़कर उसे सफलतापूर्वक खत्म करने के बाद इस बीमारी को भविष्य में भी न होने देने के लिए 3 दिसंबर से पोलियो से डबल सुरक्षा हेतु आइपीवी का नया टीका शुरू किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि अभी तक पोलियो की दवाई तरल रूप में बच्चों को पिलाई जाती थी लेकिन अब दवाई पिलाने के साथ साथ एक इंजेक्शन के रूप में इस दवाई का टीका एक बार लगाया जाएगा।सिविल सर्जन डाॅ. प्रकाश ढोके ने बताया कि मुंह से पिलाई जाने वाली पोलियों खुराक में बच्चों के भीतर इस बिमारी का सक्रिय वायरस पहुंचाया जाता है, जो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर बच्चों को उससे लड़ने की ताकत प्रदान करता है। लेकिन आइपीवी टीके के माध्यम से यह दवाई इंजेक्शन के रूप में दी जाएगी। इस दवाई में पोलियो का निष्क्रिय वायरस बच्चों के शरीर में पहुंचाया जाएगा। यह टीका दुनिया के कई देशों में लगाया जा रहा है। इसे बच्चों को और अधिक सुरक्षित तरीके से पोलियों जैसी खतरनाक बीमारी से बचाने में सफल माना गया है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. नरेन्द्र भयडिया ने अपंगता दिवस के बारे में बताया कि बच्चों में अपंगता के लिए जिम्मेदार पोलियो से बचने के लिए अभी तक बच्चों को इसकी पांच खुराकें दी जाती रही है। ये खुराकें जन्म के समय से प्रारंभ होकर 6 सप्ताह, 10 सप्ताह, 14 सप्ताह और आखिरी बार बुस्टर खुराक के रूप में 16 से 24 माह के बीच दी जाती है। इंजेक्षन के रूप में दिये जाने वाला आइपीवी टीका बच्चों को 14 सप्ताह अर्थात साढ़े तीन माह की उम्र में दिया जाएगा। आइपीवी की जरुर इसलिए है क्योंकि भारत में तो पोलियो खत्म किया जा चुका है लेकिन आसपास के देषो में यह अभी भी मौजूद है। ऐसे में आवाजाही के कारण इस वायरस के आने का खतरा बना रहता है। बच्चो को दिया जाने वाला आइपीवी का इंजेक्शन उन्हें पोलियो से बचने की ‘डबल सुरक्षा’ प्रदान करेगा।