अंगारों की चूल पर निकलकर मन्नतधारियों ने उतारी मन्नते, उमड़ा जनसैलाब

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इरशाद खान, बरझर
बरझर मे होली दहन का मुर्हूत बुधवार रात्री 10 बजे थजो सही समय पर होली दहन किया गया। मन्नत लेने वालो ने होली दहन के सात राउंड लेकर होली के हाथ जोड कर अपनी मन्नते रखी। होली दहन के अगले दिन दोपहर को होली के अंगारो पर पिछले साल रखी मन्नत वाले अंगारो पर चलकर अपनी मनोकामन पूरी करते हे ओर अपनी मन्नते भी रखते है।

होली दहन मे लगे झण्डे का महत्व
होली का डांडा जो बास का 35 से 40 फीट का होता है। उसकी ऊंचाई पर एक झंडा लगा होता है। होली को आग लगाने पर हाली निचे की ओर आती है तो जो झंडा लगा होता है, उसे लेकर भागता है। चुल के दिन सवेरे डोल मादल की थाप पर झंडे को ढोल पर बाधकर बजाते हुये युवक युवतिया नाचते गाते हुए गांव में निकलता है। ार दुकान से गोट ह लेते ओर सभी खुशी से गोट देते हैं।

दहकते अंगारो पर चले श्रद्धालु मन्नत चूल मे निकल कर रखी मन्नते
होली दहन के अंगारो को एक गड्ढे मे जलाकर सबसे पहले गांव का तडवी व गेर के ढोल उस अंगारो पर चल कर निकलता हे उसके बाद फिर मन्नत वाले चूल के अंगारो पर निकलते जो 3 बजे से शाम 5 बजे तक श्रदालु अंगारे पर चलते रहते है। ये सभी ढोल अपने गांव की टोली बनाकर नाचते गाते आते हे ओर अन्त मे नाचते गाते हुए अपने गाव फलियो की ओर निकल जाते है।
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