“जो वतन की खातिर मिटे उनको सलाम है, आतंकवादियों को घर में घुसकर मार कर दुनिया को बता दिया यह हिंदुस्तान है”

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 भूपेंद्र बरमण्डलिया@

स्वामी विवेकानंद जयंती युवा दिवस पर ग्राम मित्र मंडल रंभापुर व पत्रकार संघ इकाई रंभापुर के तत्वावधान में पंकज रांका व भूपेंद्र बरमण्डलिया संयोजन में अभय जैन के विशेष मार्गदर्शन में चतुर्थ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देर रात तक हास्य ठहाके देशभक्तीपर गीत गजलों की ऐसी महफिल सजी कि श्रोता गुलाबी ठंड में आनंदित होते रहे। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विधायक वीर सिंह भूरिया एव समाजसेवी सुरेश चंद्र पूरण जैन @पप्पू भैया थे।अतिथियों ने मां शारदे , स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया । उक्त अवसर पर लाइव टूडे के भुपेन्द्र बरमण्डलिया ने कवियों का एव आयोजक साथियों का शाल व अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान भी किया एव दैनिक भास्कर , नई दुनिया के पत्रकार साथी ने भी भूपेंद्र बरमण्डलिया को अभिनंदन पत्र भेट किया उर्स कमेटी रंभापुर के अब्दुल कादर भुरूभाई ने आयोजकों का विशेष सम्मान कर कौमी एकता का संदेश दिया। कवि सम्मेलन की शुरुआत सूरत से आई सोनल जैन ने सरस्वती वंदना व महावीर वंदना सहित प्यार ,मनुहार व श्रंगार की कविताओं से खूब ठहाके लगवाए सोनल जैन ने जब कहा”मुहब्बत में कोई दूरी कभी दूरी नहीं होती,तुम्हारे ख्वाब से ये आंखे नुरी नहीं होती,गमो का दौर तो फिर भी अकेले काट लेती हूं , अगर बाटू तुमसे खुशी पूरी नहीं होती। वीर रस के कवि नगेन्द्र ठाकुर राजगढ़ ने देश का चित्र कविता में पुरस्कृत कर ओजस्वी वाणी से पांडाल गूंजा,थमाव कर दिया और आपने कहा” राष्ट्रगीत ,राष्ट्रगान सुन ध्वज देखना मा, तिरंगे में तुझको में ही नजर आऊंगा”से देश भक्ति की बात कही । मैहर माही बांसवाड़ा ने इन पंक्तियां ‘ दुनिया सदियों रखेगी याद कुछ ऐसा कर दे ,एक नजर देख ले फिर से मुझे जिंदा कर दे” एक मुद्दत हुई पत्थर सी हो गई हूं में, ए मेरे राम मुझे छू कर अहिल्या कर दे” । धौलपुर से आए हास्य कवि रामबाबू सिकरवार ने खून हे साया अपने को भेजो ,तिहाड़ इन्हे सजा दिलाओ ,लोकपाल से पैरोडी से खूब लुभाया आपने कब कहा कि जो वतन के खातिर मिटे उनको सलाम हे ,आतंकवादियों को घर में घुसकर मारकर दुनिया को बता दिया ये हिंदुस्तान है । रंभापुर के ओजस्वी कवि न रंभापुरी हास्य व्यंग व मुक्तकों से गुदगुदाते हुए चिंतन की कविता यहा पर स्नेह आधार जिंदा है, यहा के भाई भाई में प्रतीप्यार जिंदा है, गाव में आती हे मीठी सी महक यहा संस्कार जिंदा है निसार ने हो देश को तोड़ने की बात करते है उन्हें लताड़ते हुए कहा ” किताबो की जगह हाथो में तलवारे क्यू हे जिस देश में रहते है वहा के बच्चो की जुबां पर पाक के नारे क्यु हे ने खूब तालियां बटोरी। जयपुर की शोभना ऋतु ने प्यार मोहब्बत के गीत सुनाते हुए कहा नगमा कोई सावन में आग लगाने के लिए आ। मेहसाणा के जगदीश गुर्जर नालछा के धीरज शर्मा ने भी खूब हंसाया धीरज शर्मा ने कहा घर संस्कारों का शीवाला है मोहब्बत का उजाला है। संचालन इंदौर के हास्य कवि श्यामसुंदर पालोड व एक रिंग मोनिका कानगुगो ने की श्यामसुंदर पालोड, व सोनल जैन की जुगलबंदी का काव्य ऋषि कौन है खूब आनंद लिया आयोजन में पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष संजय भटेवरा, बामनिया के राजेश सोनी सहित झाबुआ के मुकल , पत्रकार हरिराम गिर धानी, आंनदी पडियार, डाक्टर बसंत सिंह खतेडिया, भारत सिंह सांकला, नवल सिंह नायक ,जनपद उपाध्यक्ष नरवर सिंह हाड़ा, मनोहर रांका रतलाम, सरस्वती बाई रांका, विनीता जैन, प्रेमलता फारूक (पूर्व जनपद सदस्य), टीवी पत्रकार दिनेश वर्मा । एवं मनीष गिरधानी ,ईश्वर सिंह बरमण्डलिया, चंद्रशेख जैन , सत्यनारायण शर्मा ,मांगीलाल नायक , कवि सम्मेलन को सफल बनाने में दसरथ कट्ठा, हितेंद्र खतेडिता ,ब्रजेश हाड़ा, अर्जुन बर्मन, सरपंच बाबू गनावा, प्रहलाद घोती ,एल एस धमावत, आदि का सहयोग सराहनीय रहा । उक्त आयोजन में दाहोद ,मेघनगर , झाबुआ, पेटलावद ,थांदला ,खवासा बामनिया मदरानी आदि हजारों काव्य प्रेमियों ने आनंद लिया उक्त कार्यक्रम अल सुबह 4 बजे तक चला मंच कार्यक्रम का संचालन मोनिका कानूनगो ने किया एवं आभार पंकज रांका ने माना।

 

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