कॉलेज के बच्चों का आधा सत्र खत्म पुस्तकें अभी तक नही आई; एबीवीपी के छात्रों ने दिया पुस्तकों के लिये प्राचार्य को सौंपा ज्ञापन

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 रितेश गुप्ता@थान्दला

शासकीय महाविद्यालय सत्र् 2019-20 के छात्रों को नि:शुल्क पुस्तके स्टेशनरी अभी तक नहीं मिल पाई है। वही छात्रवृत्ति आवास की राशि का भुगतान नही होने से बाजार से पुस्तकों का क्रय नही हो पाने से देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इन्दोर ने परिक्षा समय सारणी का तय होना बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल सकता है। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी भोपाल द्वारा ही पूरे प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाति है। इस वर्ष सितम्बर माहान्त तक प्रवेश चले व कुछ सिलेबस में भी परिवर्तन आने से पूरे प्रदेश में एक साथ पुस्तकें उपलब्ध नही हो पाई है। जबकि अन्य प्रकाशन के यहाँ सभी पुस्तकें बाजार में उपलब्ध भी हो गई है जिसे धनाढ्य सक्षम छात्रों द्वारा क्रय कर ली जाती है जबकी अन्य सामान्य मध्यम वर्गीय के लिये यह बजट से बाहर हो गई है। संस्था के प्रभारी प्राचार्य पीसी जैन ग्रन्थालय के इंचार्ज ने बताया कि उनके द्वारा 16 अक्टोबर को संकाय आधार पर छात्रों की संख्या बताकर डिमांड भेज दी गई है लेकिन अभी तक उनके पास पुस्तकें उपलब्ध नही हुई है। वही कई बार दूरभाष पर भी इसकी जानकारी दे दी गई है। जैसे ही पुस्तकें आएंगी जल्द वितरित कर दी जाएगी।

पुस्तकें आई नही ओर बिल पहले आ गया

जब यह जानकारी ली जा रही थी तभी पता चला कि भोपाल से चार कार्टून पुस्तकों के डायमंड ट्रांसपोर्ट के बिल्टी क्रमांक 803 /6-11-19 को निकल चुके है जो कभी भी यहाँ आ सकते है जबकि उसके पहले ही सभी पुस्तकों के बिल 1715/विक्रय/ 8-11-19 द्वारा पहले ही प्राप्त हो गए है। ग्रन्थालय इंचार्ज ने बताया कि करीब 100 से 150 बंडल में पुस्तकें आएगी यह तो कुछ भी नही है। इसलिये जबतक पुस्तकें नही आएगी भुगतान नही किया जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि दिसम्बर आने को है और पुस्तकों का अभी तक पता नही है, ऐसे में छात्रों के भविष्य पर गहराते संकट के बादल का जिम्मेदार कौन होगा। अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस सम्बंध में कोई कार्यवाही नही की है जबकि इसी शाला में पूर्व विधायक ने सरस्वती माता की प्रतिमा स्थापित की थी वही वर्तमान विधायक कई आयोजन का हिस्सा भी बन चुके है।

 

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