शर्मनाक: “मेरा क्या कसूर, मैं जीना चाहती थी”; निर्दयी मां ने नवजात बालिका को फेंका, मौत

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आरीफ हुसैन@ चन्द्रशेखर आज़ाद नगर
मैंने तो अभी ठीक से आंखें भी नहीं खोली थीं कि हमेशा के लिए मुझे सुलाने के लिए झाडिय़ों में फेंक दिया गया। आखिर क्यों मुझे मरने के लिए छोड़ गये? मैं जीना चाहती थी माँ…

फिर किसी निर्दयी मां ने नवजात बालिका को जन्म लेते ही सड़क किनारे झाडिय़ों में मौत के हवाले कर दिया। आज दाहोद रोड़ पर फिमेल नवजात शिशु को पॉलीथिन में बांधकर फेंका हुआ मिला।
आज़ाद नगर पुलिस मोके पर पहुची। लेकिन बुरी खबर यह है कि उस नवजात बालिका की हॉस्पिटल में पहुंचने के बाद मौत हो गई। यह हमारे समाज के लिए एक बहुत बड़ी विडंबना है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी कैलास बारिया ने मोके पर पहुच कर तत्काल सरकारी हॉस्पिटल जाच के लिए भेजा जाच में डॉ.मंजुला चौहान ने जाज कर मृत घोषित किया जाच में शिशु का वजन 1 किलो 300 ग्राम और शिशु का फिमेल होना बताया गया।

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