योग विज्ञान चिकित्सा शिविर में विश्वामित्रार्य ग्रामीणों को दे रहे एक्यूप्रेशर, प्राणायाम से निरोगी रहने के टिप्स

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रितेश गुप्ता, थांदला
समीप ग्राम महुडा के राधाकृष्णन मंदिर में चल रहे पंच दिवसीय योग विज्ञान चिकित्सा शिविर का आयोजन 16 से 20 अप्रैल तक पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से पधारे हुए आचार्य विश्वामित्रार्य कुशल नेतृत्व में योग प्राणायाम एक्युप्रेशर आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से सैकड़ों लोग लाभ ले रहे हैं सुबह 6 से 8.30 बजे तक रोगानुसार व्यायाम एक्यूप्रेशर एवं प्राणायाम का अभ्यास करवाया जा रहा है तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए गांव के अलग.अलग फलिया में बाल सभा के द्वारा बच्चों के उचित खानपान की शिक्षा भी दी जा रही है शाम को इस चित्र में मिलने वाले आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से ग्रामीण आदिवासी भाइयों को रूबरू करवाया जा रहा है आचार्य जी ने बताया कि गिलोय और नीम की पत्ती अद्भुत चमत्कारी दवाई है। क्योंकि गिलोय और नीम की पत्ती डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफाइड के साथ-साथ डायबिटीज, एसिडिटी, गैस कब्ज व शरीर के अनेक विजाती तत्वों को नष्ट करने में अद्भूत है। गिलोय और नीम की पत्ती दोनों को कुटकर रस निकाले और सुबह भूखे पेट में इसका सेवन करें या गर्मी के मौसम में भी काफी लाभकारी होता है शास्त्रों में कहा जाता है कि गिलोय और नीम की पत्ती अगर चैत्र मास में एक महीना तक सुबह खाली पेट में ले तो साल भर बुखार व मलेरिया आदि की संभावना समाप्त हो जाती है। शिविर के साथ साथ योग जागरण रैली स्वच्छता अभियान आदि के माध्यम से लोगों में जन जागृति फैलाई जा रही है। इस शिविर का समापन 20 अप्रैल सुबह 9 बजे आयुष काम महेश जी के साथ किया जाएगा आज के शिविर में शिविर के आयोजक समस्त ग्रामवासी कमलेश थंदार, रमेश चौहान, करण सिंह सोलंकी, मोहन चौहान, बबलू चौहान, दिनेश थंदार, धूलिया परमार, सोहन चौहान आदि दीप प्रज्वलित कर शिविर का उद्घाटन किए।

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