यह है राहुल गांधी की ” झाबुआ सभा” की पांच गलतियाँ ओर 5 खूबियाँ

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चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कल झाबुआ के कालेज मैदान पर ” परिवत॔न रैली” की .. इस रैली मे कांग्रेस का दिग्विजय सिंह को छोडकर पूरा प्रादेशिक नेतृत्व मौजूद था .. इस रैली की कुछ खूबियाँ भी थी तो कुछ गलतीया भी हुई .. यहा हम 5 – 5 बिंदुओ के जरिए आपको रैली की खूबिया ओर कमिया दोनो बता रहे है ।

यह थी ” राहुल रैली ” की गलतियाँ
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1) – राहुल गांधी ने मंच से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर यह कहते हुऐ बडा हमला बोला कि शिवराज के बेटे का नाम ” पनामा पेपस॔ ” मे होने के बावजूद कोई कारवाई नही जबकि पाकिस्तान जैसे देश मे पनामा पेपस॔ मे नाम आने पर नवाज शरीफ को जेल भेज दिया गया है। जबकि हकीकत यह है कि पनामा पेपस॔ मे नाम ” मध्यप्रदेश ” के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे का नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह का था .. मतलब साफ था कि राहुल यह भूल गये थे कि वह छत्तीसगढ़ मे नही मध्यप्रदेश मे खडे है ।

2) – कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया ने मंच से राहुल गांधी को राहुल गांधी का ही बेटा कह दिया .. हालाकि बाद मे गलती सुधार ली .. दरअसल राजीव ओर राहुल के नामो मे समानता के चलते भूरिया से यह गलती हुई ।

3) – राहुल गांधी के दूल्हा बनने का सभी को इंतजार है क्योकि वे अब 50 के आसपास के हो चले है मगर कल सिंधिया ने गलती से राहुल को ” लाडे” यानी दूल्हा बोल दिया .. दरअसल सिंधिया लाडले बोलना चाहते थे ।

4) – कल झाबुआ के मंच पर ” दिग्विजय सिंह ” का ना होना कही ना कही यह संकेत दे गया कि कांग्रेस भले एकता की बात करे लेकिन दिग्विजय सिंह को हाशिऐ पर डाला जा रहा है ।

5) – राहुल गांधी की सभा मे भारी भीड होने के बावजूद कांग्रेस ने ” LED स्क्रीन लगाने मे कंजूसी कर दी ओर पीछे बैठै लोगो को मंच वालो के चेहरे ठीक से नहीं दिखाई दे रहे थे ।

यह रही ” राहुल गांधी ” की सभा की खूबिया
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1)- राहुल गांधी की परिवत॔न रैली मे अमित शाह के मुकाबले 2 से ढाई गुना ज्यादा भीड उमड़ी ।

2) – राहुल गांधी पहले की अपेक्षा ज्यादा परिपक्व नजर आये .. अगर पनामा पेपस॔ मे शिवराज सिंह चौहान के बेटे का नाम लेने की गलती छोड दे तो उनका भाषण सराहनीय था ।

2)- कहते है राहुल लिखा भाषण पड़ते है लेकिन कल मंच से हाथीपावा पर लहरा रहे झंडे को केंद्रित कर राहुल ने संघ ओर भाजपा पर ना सिर्फ हमला किया बल्कि टंट्या भील ओर आदिवासी योद्धाओ का उल्लेख झंडे के संदर्भ मे कर यह साबित किया कि वे सिर्फ लिखा हुआ भाषण तक सीमित नही है बल्कि मौलिकता भी उनमें है ।

3) – राहुल गांधी के भाषण के पहले सिर्फ तीन वक्ताओ के ही सारगर्भित भाषण होने से सभा बोरिंग होने से बच गयी ।

4) – सभा मे कांग्रेसियो ने एकता दिखाई .. नाराज चल रहे कांग्रेसी भी एक जाजम पर दिखाई दिए

5) – राहुल की सभा के पहले ओर बाद मे भारी भीड होने के बावजूद कोई बदइंतजामी नही हुई यहा अनुशाशन के साथ लोग आये ओर लोट गये ।

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