भागवत कथा का रसपान करने पहुँचे बोहरा समाज के लोग कथाकार पं. अरविंद भारद्वाज का श्रीफल-शाल ओढा कर किया सम्मान

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योगेंद्र राठौड़, सोंडवा
“इसमें में भी रब बसता है, उसमे भी खुदा का साया है, दुनिया उसकी महफ़िल है, फिर कौन यहाँ पराया है।”

इसी बात को सच करते हुए आज सोंडवा तहसील मुख्यालय पर स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर प्रांगण मे हो रही भागवत कथा मे भारत देश की संस्कृति “अनेकता मे एकता “के दर्शन हुए। आज सोंडवा मे हो रही भागवत कथा का छटा दिन है।इस अवसर पर सोंडवा बोहरा समाज के लोग भी कथा श्रवण करने कथा स्थल पहुँचे। उन्होंने कथाकार पंडित श्री अरविंद जी भारद्वाज का श्री फल व शाल ओढा कर सम्मान किया। वे अपने साथ आमरस के पैकेट लेकर आये थे जो उन्होंने कथा सुन रहे श्रृद्धालु मे वितरित किये।जैसे ही बोहरा समाज के लोगो ने मंदिर परिसर मे समूह मे प्रवेश किया वहां स्थित हर व्यक्ति आश्चर्य चकित हो गया।जब सभी को उनके कथा सुनने आने के बारे मे पता हुआ तो हर व्यक्ति उनकी तारिफ करने लगा।भागवत कथा समिति के लोगो ने भी बोहरा समाज के लोगो का सम्मान किया। उन्होंने करीब एक घंटा कथा स्थल पर रुक कथा सुनी ।कुरेश वली, जुजर, हुसैनी, बुरहानी, ताहेर, अजीज, आदि बोहरा समाज के लोग सम्मिलित हुए।

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