भागवत कथा के आठवें दिन किया गया महायज्ञ
झाबुआ। देवी भागवत कथा का गुढ़ रहस्य ऐसा है कि जितना अधिक भक्ति एवं श्रद्धा में आराध्या का जप तप सेवा करोंगे मां की उतनी ही अधिक कृपा प्राप्त होगी। भागवत कथा मोक्ष दायिनी मंदाकीनी है, इसमें जितना अधिक गोता लगाओंगे, उतने ही अधिक आध्यात्मिक एवं शांति रूपी रत्नों की प्राप्ति होगी। मां जगदम्बा के सती स्वरूप का स्मरण करने मात्र से ही पापों का क्षय होकर पूण्यों का उदय होता है। सती के शव को लेकर भगवान ओढरदाणी जब जा रहे थे तब विष्णु के चक्र से सती के अंगों के टुकड़े होकर जहां जहां गिरे वहा शक्तिपीठ की स्थापना हुई है। 108 स्थानों पर सती के अंगों के शक्तिपीठ बहुत ही चमत्कारिक एवं इच्छापूर्ण करने वाले है इनके दर्शन स्मरण मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है। उक्त प्रवचन देवी भागवत कथा के आठवें दिन विवेकानंद कालोनी स्थित उमापति महादेव मंदिर में पंडित प्रेमनारायण पौराणिक ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहे। उन्होंने भगवती के प्राकट्य का संगीतमय वर्णन करते हुए महासती सावित्री की मर्मस्पर्शी कथा का वर्णन करते हुए कहा कि सती में वह शक्ति होती है कि वह ब्रह्मांड तक को चुनौती दे सकती है। पति को परमात्मा मान कर मन वचन एवं कर्म के साथ सतीधर्म निभाने वाली सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण साक्षात यमराज से वापस लाकर एक आदर्ष नारी की मिसाल प्रस्तुत की है। सतियों का नमन भी मन को शांति प्रदान करता है। पोराणिक ने आगे कहा कि पुराण भगवान से मिलने का सुगम साधन है। जिस प्रकार दूध को मथ कर नवनीत उत्पन्न होता है उसी प्रकार मन के मंथन से भगवत प्राप्ति सहज ही उपलब्ध होती है। उन्होंने कथा के दौरान कहा कि जिस प्रकार दूध में मक्खन, लकड़ी में ऊर्जा, व्याप्त है वैसे ही आत्मा में भी परमात्मा व्याप्त होता है, आवश्यकता सिर्फ इस बात की है कि हमारे मन में दृढ़ संकल्प हो और परमात्मा पर पूर्ण विश्वास हो तो साधना साकार हो जाती है। देवी भागवत कथा में बड़ी संख्या में महिलाओं का तांता उमापति महादेव मंदिर पर लग रहा है । नौ दिवसीय भागवत कथा के आठवें दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप का विस्तार से वर्णन करते हुए पंडित पौराणिक ने आव्हान किया कि अपने निवास एवं उसके परिसर की स्वच्छता हमेशा बनाई्र रखना चाहिए। जहां स्वच्छता होती है,वहां परमात्मा का वास होता है। उन्होंने मनों में व्याप्त दुर्भावनाओं, लालच, झूठ, कपट, चुगली को मानव मन का सबसे बडा शत्रु बताते हुए कहा कि जिस का मन निर्मल रहता है देवी मां की कृपा उस परिवार में सर्दव बरसती है।
किया दुर्गा महायज्ञ
देवी भागवत कथा के आठवें दिन माता जी दरबार में दुर्गा महायज्ञ का मंदिर परिसर में अनुष्ठान किया गया। विद्वान पंडित द्वारा मंत्रोच्चार के साथ वैदिक विधि से हवन करवाया गया जिसमें मनोज भाटी एवं मोहनलाल व्यास द्वारा सपत्नीक आहूतियां अर्पित की गई। दोपहर 12.30 बजे यज्ञ की पूर्णाहूति संपन्न हुई तथा आरती कर प्रसादी का वितरण किया गया। यज्ञ के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं एवं श्रद्धालुजन उपस्थित थे। विद्या व्यास द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार शनिवार को श्रीदेवी कथा का धूमधाम से समापन होगा तथा भंडारा प्रसादी का आयोजन भी उमापति मंदिर पर किया गया।
Trending
- शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर; इस जगह प्रतिबंधित की गई शराब
- नानपुर के आसपास नहीं है आधार सेंटर, जिला मुख्यालय जाने को मजबूर ग्रामीण
- सेवानिवृत्ति पर विदाई समारोह हुआ, डीईओ को दी विदाई
- ई-अटेंडेंस के विरोध में चंद्रशेखर आजाद नगर के शिक्षक हुए लामबंद
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी पर की गईं एफआईआर की कांग्रेस ने की निंदा, जताया विरोध
- पुलिस ने दो फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया
- मनोहरलाल गौड़ संस्कृति ज्ञान परीक्षा के तहसील संयोजक नियुक्त होने पर सम्मान किया
- जहरीली ताड़ी पीने से बीमार हुए एक और युवक ने दम तोड़ा, अब तक तीन लोगों की हो चुकी मौत
- पोषण से परिवर्तन की ओर-बच्चों के स्वास्थ्य सुधार पर राज्य स्तरीय कार्यशाला 30 जून को
- मन की बात कार्यक्रम का सफल आयोजन : खट्टाली मंडल में पहली बार शत प्रतिशत बूथों पर कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की