जैनाचार्य एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूज्यश्री जवाहरलाल महाराज साहब की 150वीं जयंती पर स्मारक सिक्का एवं डाक टिकट का विमोचन

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थांदला। जैनाचार्य एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूज्य श्री जवाहरलाल जी महाराज साहब की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा जारी स्मारक सिक्के एवं डाक टिकट का भव्य विमोचन मुंबई के विशाल राजभवन में किया गया। यह ऐतिहासिक अवसर गुजरात एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी, पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया एवं महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री मंगलप्रभात लोड़ा की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

थांदला (जिला झाबुआ, म.प्र.) के गौरव

सन 1875 में झाबुआ जिले के थांदला नगर में जन्मे पूज्य आचार्य श्री जवाहरलाल जी महाराज साहब ने अहिंसा, सत्य और संयम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारकर देश की आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके इसी अद्वितीय राष्ट्रसेवा भाव को नमन करते हुए भारत सरकार ने यह स्मारक सिक्का एवं डाक टिकट जारी किया है।

विमोचन समारोह में व्यक्त हुए विचार

राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि “इस संसार में सत्य ही स्थायी है, असत्य से दुनिया कभी नहीं चल सकती। अहिंसा का पलड़ा हमेशा भारी रहा है। यदि मानव ने हिंसा अपना ली, तो संसार का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। सत्य और अहिंसा को अपनाकर ही सुख-शांति का मार्ग मिलता है।” उन्होंने कहा कि पूज्य श्री ने अहिंसा के पथ पर चलकर देश की स्वतंत्रता में अमूल्य योगदान दिया।

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि “आचार्य श्री जवाहरलाल जी महाराज साहब का संपूर्ण जीवन तप, त्याग और संयम का प्रतीक था। उन्होंने युवा पीढ़ी को संदेश दिया कि राष्ट्र के बिना धर्म की साधना संभव नहीं है।” उन्होंने बताया कि इस वर्ष राष्ट्र जैनाचार्य जवाहरलाल जी महाराज और जनजाति नायक बिरसा मुंडा—दोनों महापुरुषों की 150वीं जयंती मना रहा है, जिन्होंने आजादी की क्रांति में सक्रिय भूमिका निभाई।

कार्यक्रम का आयोजन

यह गरिमामयी आयोजन जसराज बोथरा फाउंडेशन के सिद्धार्थ बोथरा के कुशल नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। श्री बोथरा पिछले 2004 से इस कार्य को साकार करने हेतु प्रयासरत थे। उन्होंने केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का विशेष आभार व्यक्त किया, जिन्होंने डाक टिकट जारी करने की मांग को स्वीकृति प्रदान की।

देशभर से अनुयायियों की उपस्थिति

समारोह में देशभर से आचार्य श्री के अनुयायी, दिगंबर परंपरा, तेरापंथ सभा तथा मंदिरमार्गी समाजजन ,अन्य विशेष अतिथि उपस्थित रहे। वर्तमान में आचार्य श्री जवाहरलालजी मसा की पाट परम्परा को वर्तमान आचार्य श्री रामलालजी महराज साहब दीपा रहे है जो कि एक क्रियानिष्ठ और महान आचार्य है ।जिनके सानिध्य में मात्र 2 वर्ष में ही 100 जैन दीक्षा पूरी हुई है। थांदला से आचार्य श्री जवाहरलाल जी महाराज साहब का परिवार भी विशेष रूप से उपस्थित था। समारोह के पश्चात पूरे देश में उत्साह एवं गौरव का वातावरण व्याप्त है।

एक महान संत का राष्ट्रीय गौरव

पूज्य आचार्य श्री जवाहरलाल जी महाराज साहब ऐसे अद्वितीय जैनाचार्य थे जिनके सत्संग एवं प्रवचनों से महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, लोकमान्य तिलक, विनोबा भावे सहित अनेक राजा-महाराजा प्रभावित थे।

राजभवन में सम्पन्न यह कार्यक्रम उनकी राष्ट्रीय सेवा, सत्य, अहिंसा और तप की महान परंपरा को समर्पित रहा। यह आयोजन न सिर्फ जैन समाज बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गौरव का विषय बन गया।

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