फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी कर रहे है गैर आदिवासी, दस्तावेज संलग्न कर कार्रवाई की मांग हेतु सौंपा आवेदन

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आलीराजपुर। आदिवासी बाहुल्य जिले आलीराजपुर में कई प्रकार की समस्याओं और मुद्दों के बीच एक और नया मुद्दा सामने आया जिसमे अनुसूचित जनजाति के नाम फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर गैर आदिवासियों द्वारा नौकरी करने का मामला सामने आया है। ल

सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी पश्चात सामाजिक कार्यकर्ताओ ने इसकी खोजबीन शुरू कर दी है और दो मामले को संज्ञान में लेकर उनके दस्तावेज जुटाकर आज जिला कलेक्टर आलीराजपुर डॉoअभय अरविन्द बेडेकर को लिखित रूपसे आवेदन दस्तावेज सहित सौपा।

आवेदन में बताया गया की शर्मीला पीता सुरतान सोलंकी के नाम ST. प्रमाण पत्र से एक लड़की वर्ग 03 में शासकीय नौकरी कर रही है जबकि वो जिनके नाम पर प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी कर रही है उन्हें ही नही पता और वो ST. न होकर ठाकुर राजपूत समाज से है जिसके माता पिता जीवित प्रमाण है उनके नाम कृषि भूमि भी राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है।

वही दूसरा मामला सोशल मीडिया में सार्वजनिक है जिसमे लक्ष्मी पीता वालचंद निवासी बोरझाड़ ने अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र लगाया हुआ है जबकि अनुसार वालचंद पिता रणछोड़ जाति कुम्हार है और बोरझाड़ में इनके नाम से कृषि भूमि राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है।

जानकारी अनुसार वालचंद की पत्नी रमिला आदिवासी है जिसने वालचंद जो की कुम्हार निवासी बोरझाड़ है से शादी की है।

बावजूद इनके द्वारा विभागीय अधिकारियो को गलत जानकारी देकर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र लगाया गया है जो की फर्जी अवैध गलत है।

आदिवासी समाज के कार्यकर्ता नितेश अलावा द्वारा बताया गया की आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासियों की अज्ञानता का फायदा उठाकर हर कोई अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहा है ये एक दो मामले नही है ऐसे सैकड़ो प्रकरण और है जिसमे गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासी के नाम पर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनाकर शासकीय सेवा लाभ ले रहे है।

यही नही गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासी लड़कियो से शादी कर उनके नाम जमीन खरीदने का एक माध्यम बनाया हुआ है जिसमे आदिवासी लड़कियां लगातार फंसती जा रही है ऐसी समस्त लड़कियां जिन्होंने गैर आदिवासियों के साथ शादी कर ली है उनके जाती प्रमाण पत्र भी निरस्त करने की मांग की है।

उन्होंने कहा अभी सिर्फ एक दो मामले में कार्यवाही चाही गयी है इनके फर्जी प्रमाण पत्र की उच्च स्तरीय जांच अपर कलेक्टर अथवा डिप्टी कलेक्टर के माध्यम से करवाकर इनके प्रमाण पत्र निरस्त कर नौकरी करने वालो से शासन के खाते में वसूली की जाकर उचित कार्यवाही की जाना चाहिए जिसमे जेल जाने का भी प्रावधान है।

यदि भविष्य में और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने की कोशिश कोई करता है तो सबंधित कर्मचारी अधिकारी के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही करवाने के लिए जन आंदोलन किया जायेगा।

आवेदन देते समय संजय भूरिया, सरदार तोमर, निरपाल बघेल, किशन बामनिया, रमेश, गणेश, मौजूद रहे। आवेदन पर जिला कलेक्टर बेडेकर ने उचित जांच कर जल्दी ही कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

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