दहकती आग पर आस्था भारी…वर्षो पुरानी परंपरा का हुआ निर्वहन…चूल पर चले सैकड़ों मन्नतधारी

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शान ठाकुर, पेटलावद

होलिका दहन के दूसरे दिन आज धुलैंडी पर्व पर पेटलावद तहसील के ग्राम टेमरिया में चूल परंपरा का निर्वहन किया गया। यंहा करीब 70 मनन्तधारी चूल पर चले। आयोजन को देखने हजारो की संख्या में लोग पहुंचे। पिता भी बच्चे को कंधे पे उठाकर दहकती आग और अंगारो पर चले…वहीं महिलाओं ने भी दहकती आग से गुजरकर अपनी मन्नत पूरी की। ]

दरअसल वर्षों से चूल परंपरा का निर्वहन पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले के ग्रामीण करते आ रहे हैं, पेटलावद के ग्राम टेमरिया, करवड़, पंथ बोराली, अंतखेड़ी सहित कई गांवों में चूल परंपरा का निर्वहन किया गया। हिंगलाज माता को साक्षी मानकर मन्नत धारी अपनी मन्नत पूरा होने पर चूल से गुजर कर मन्नत को पूरा करते हैं। मान्यता है कि हिंगलाज माता के आशीर्वाद से मन्नतधारीयो की हर मन्नत पूरी होती है। और फिर मन्नत धारी दहकती आग और अंगारों पर चलकर अपनी मन्नत को पूरा करते हैं। चूल से गुजरने वाले मन्नत धारी को किसी भी प्रकार की कोई चोट नहीं आती है। ना ही कोई परेशानी होती है। यहां आस्था और विश्वास का जन सैलाब उमड़ता हुआ नजर आया।

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