अब लगा प्रज्ञा डेयरी पर 16 करोड़ ठगने का आरोप

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अंचल में जारी है चिटफंड कंपनिययों द्वारा ठगने का सिलसिला

पेटलावद पुलिस थाने के बाहर लगी ग्रामीणों की भीड़।
पेटलावद पुलिस थाने के बाहर लगी ग्रामीणों की भीड़।

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-चिटफंड कंपनियों के कई मामले 420 के ऊजागर होने के बावजूद भी इन कंपनी के द्वारा ग्रामीण अंचल के सीधे साधे लोगों को ठगने का काम बंद नही किया है। इन कम्पनियों ने सबसे अधिक अपना ध्यान पेटलावद तहसील पर केेंद्र किया हुआ है। हाल ही में पेटलावद में कई चिटफंड कंपनियों के काले कारनामे उजाकर हो चुके है जिन पर पुलिस द्वारा 420 की कारवाई भी की जा चुकी है। 420 ओर चीटफंड के मामले में जिले में सबसे अधिक प्रकरण पेटलावद पुलिस थाने में दर्ज किए। मंगलवार को भी पेटलावद पुलिस थाने के बाहर सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ लगी तो मामले के बारे में जानकारी जुटाने पर पता चला कि प्रज्ञा डेयरी नाम की एक कम्पनी में कई ग्रमीणों के लाखों रूपये फंस गये है। जिसको लेकर झाबुआ एसपी कार्यालय पर कैलाश नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसकी शिकायत पर बनी के रहने पीसी पाटीदार को पुलिस ने थाने पर बुलाया है।
16 करोड़ की हेरा फेरी
जब इस मामले में ओर खोजबीन की गई तो पता चला कि प्रज्ञा डेयरी नामक कम्पनी ने लम्बे स्तर पर अपने पैर पसार कर करोडो रूपये लोगो से एठ रखे है। ग्रामीणों को दोगुना लालच देकर कम्पनी अपने साथ रूपयों का इन्वेसमेंट करवाती है। प्रापर्टी की खरीदी-ब्रिकी में भी हिस्सा देने को लेकर रूपयों का इन्वेसमेंट करवाया जाता है। कंपनी की पोल तब खुली जब जिले के ही रहने वाले कैलाश ने एसपी के समक्ष अपनी पूरी दास्तान सुनाई। एसपी ने भी मामले में तत्पर्रता दिखाते हुवे पेटलावद पुलिस को जल्द ही इस मामले की जांच करने को कहा। जिसके बाद पेटलावद पुलिस ने पीसी पाटीदार को एक होटल पर से सोमवार शाम को पकड़ा। इसकी खबर जेसे ही फैली कई ग्रामीण जिनका पेसा कम्पनी में लगा हुआ है। पुलिस थाने के बाहर जमा हो गये। शिकायतकर्ता कैलाश भी पेटलावद पुलिस थाने पर पंहुचे। बताया जाता है कि कैलाश के ओर उनके द्वारा जोड़ गए, अन्य लोगो के लगभग 16 करोड रूपयें कम्पनी में फंसे हुए हैं। फिलहाल पुलिस ने किसी भी प्रकार का प्रकरण दर्ज नही किया है। लेकिन इस मामले से फिर एक बार साबीत हो गया है कि चीटफंड कम्पनीयां अंचल में चारो ओर पैर पसार चुकी है।
बनी गांव बना हुआ है इनका अड्डा
पेटलावद तहसील में सबसे अधिक चिटफंट कम्पनियों के संचालक बनी गांव से ही वास्ता रखते है। पुर्व में भी सांई प्रसाद हो या आरसीएम या अन्य कोई कम्पनी सभी के तार सबसे अधिक बनी गांव से ही जुडे हुवे मिले है। कम्पनीयों के संचालक ग्रामीणों को ऊल्लु बनने के लिये कई तरह के हथकंडे अपनाते है। लग्जरी कारों से ऊतर कर वह ग्रामीणों को अपना रूतबा दिखाते हुए झांसे में लेते है।

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