राखी व्होरा का 20 अगस्त को मासक्षमण तप पूर्ण होगा

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थांदला। आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती सुशिष्यश्री चंद्रेशमुनिजी, श्री सुयशमुनिजी ठाणा 2 एवं साध्वीश्री निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी एवं दीप्तिजी म. सा. ठाणा-4 के सानिध्य में विभिन्न तपस्याओं की मानों झड़ी लग रही हैं। इस प्रसंग पर तपस्या के क्रम में केवल अचित जल के आधार पर निराहार रहते हुए राखी नितेश व्होरा के 20 अगस्त शनिवार को 31 उपवास मासक्षमण की तपस्या पूर्ण हो रही हैं। राखी व्होरा क़े 31 उपवास मासक्षमण की तपस्या पूर्ण होने एवं समस्त तपस्वीयों की तपस्या क़े अनुमोदनार्थ 17 अगस्त बुधवार को चतरभुज व्होरा परिवार द्वारा चौवीसी का आयोजन भी पौषध भवन पर किया गया।

वे पूर्व में 09 उपवास एक बार,08 उपवास दो बार, एक ओलीजी एवं वर्द्धमान आयम्बिल तप की नवी लड़ी पूर्ण की व इसके अलावा की कई तपस्याए कर चुके है। संयमी आत्माओं के सानिध्य में यहां वर्षावास का यह चौथा मासक्षमण तप पूर्ण होगा। इस दिन तपस्या पूर्ण होने पर संत वृंद एवं साध्वी मंडल के सानिध्य में तप का बहुमान तप की बोली लगाकर किया जाएगा। इसमें जो भी श्रावक या श्राविका तप की सर्वाधिक बोली लेगा। वह श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से शॉल ओढ़ाकर, माला पहनाकर तपस्वी का बहुमान करेगा।

श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से अभिनंदन पत्र भी भेंट किया जाएगा। वहीं विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं भी बहुमान करेगी। मासक्षमण तपस्वी राखी नितेश व्होरा के तप अनुमोदनार्थ तपस्वी के निवास स्थान जवाहर मार्ग से 20 अगस्त शनिवार को प्रातः 8 बजे जयकार यात्रा निकलेगी जो प्रमुख मार्गो से होती हुई पौषध भवन पहुंचेगी। वहां प्रातः 9 से 10 बजे तक व्याख्यान होंगे। पश्चात तपस्वी का बहुमान समारोह होगा। प्रातः 11 : 10 बजे तपस्वी का पारणा होगा। प्रातः 11 : 30 बजे से महावीर भवन पर स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन होगा। जिसके लाभार्थी राजेंद्र चतरभुज व्होरा परिवार हैं।

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