गुड़गांव मुंबई एक्सप्रेस हाईवे प्रोजेक्ट के विरोध में 14 गांवों के किसान हुए एकजुट, सौंपा ज्ञापन

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लिमखेडा से अभेसिग रावल की रिपोर्ट

केंद्र सरकार द्वारा भारत माला सड़क योजना के अंतर्गत घोषित किए गये।गुड़गांव मुंबई एक्सप्रेस हाईवे प्रोजेक्ट मे दाहोद जिले के लीमखेड़ा तहसील के 14 गांव में कुल 1742.7526 हेक्टर जमीन इस मेगा हाईवे संपादन सर्वे की कार्यवाही के विरोध में लिमखेड़ा तहसील के 14 गांवो के किसानों ने एकजुट होकर लिमखेडा प्रांत अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा।
लिमखेड़ा तहसील के 14 गांवो से होकर गुजरने वाले दिल्ली से मुंबई को जोड़ने वाले गुड़गांव मुंबई एक्सप्रेस हाईवे प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिमखेड़ा तहसील के 14 गांवो के किसानों की कुल 1742.7526 हेक्टर जमीन संपादन करने हेतु सर्वे करने पर किसानों के घर, खेत, खलिहान, कुए जैसी जीवनावश्यक बहुमूल्य जमीन हाइवे में चले जाने से नाराज हुए किसानों ने इस परियोजना के विरोध में लिमखेडा प्रांत अधिकारी को लिखित में ज्ञापन सौंपा था उन्होंने ज्ञापन में बताया था कि भारत माला सड़क परियोजना के तहत जो जमीन संपादन की सर्वे कार्यवाही चल रही है उसमें किसानों को भारी नुकसान हो रहा है इस जमीन संपादन में कई किसानों के घर व संपूर्ण जमीन हाईवे में चली जाने से कई किसान रास्ते पर आ जाएंगे। तत्पश्चात 10,000 से भी ज्यादा मानव बस्ती में घर ,खेती की आय, पशुधन का घासचारा एवं पानी की सुविधा के साथ रोजी रोटी भी छीन जाएगी जिसके कारण उनका जीवन निर्वाह दुश्वार हो जाएगा जिसका संज्ञान लेकर जिम्मेदार विभागों द्वारा तत्काल प्रभाव से सर्वे कार्यवाही को रद्द कर करने की मांग की थी साथ ही 14 गांव के किसानों यह भी बताया कि सरकार द्वारा किसानों के विरोध पर ध्यान न देकर आगे की जमीन संपादन सर्वे की कार्यवाही की गई तो 14 गांव क सभी ग्रामीण लोग आक्रमक जन आंदोलन करने की चेतावनी से इस नए बनने वाले मेगा हाइवे में केंद्र सरकार को किसानों की भारी नाराजगी का विरोध का सामना करना पड़ेगा इसमें कोई दो राय नहीं।