यौमे आशूरा पर्व पर निकले ताजिये, मन्नतधारियों पूरी की मन्नते

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रितेश गुप्ता, थांदला

शहीदे कर्बला का शहादत का पर्व यौमे आशूरा के रूप में मुस्लिम समाजजनों ने मनाया। इस दौरान धर्मावलंबियों ने ताजिये बनाए जो कि उनके मुकाम पर ही रखे। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की गाइड लाइन के मुताबिक ही ताजियों को उनके मुकाम पर रखा गया और वहीं से ही सभी जयारत की तथा मन्नते उतारी। इस अवसर पर जामा मस्जिद पर सरकारी ताजिया जिसे जाकिर व साकिर शेख ने बनाया, रघुनंदन मार्ग पर अकबर खान-आशिक शेख-सन्नु शेख द्वारा बनाया ताजिया अपने मुकाम पर रखा गया तो वहीं इमामबाड़ा का ताजिया व दुलदुल को रखा गया। इसी के साथ आबिद गौरी-शहजाद कुरैशी के ताजिये को पीर साहब गली में अपने मुकाम पर रखा गया। इसी के साथ जामा मस्जिद रोड पर एक ताजिया व अन्य मन्नतों के ताजियों को अपने मुकाम ही रखा गया और इस दौरान किसी भी तरह के आयोजन मुस्लिम समाज द्वारा नहीं किए गए ना ही जुलूस निकाले गए। सादे आयोजन में जयारत के लिए रखे गए ताजियों पर समाजजनो ंव हिंदू समाज के बड़ी संख्या में मन्नतधारी ताजियों के समक्ष पहुंचे व नारियल फोड़ अपनी मन्नते पूरी की। सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में मुहर्रम पर्व का यौमे आशूरा का पर्व मनाया तथा इस दौरान समाजजनों ने रोजे रखे व शहीदे कर्बला की शहादत को याद किया। वहीं रात 11 बजे तक संपूर्ण ताजियों को ठंडा कर वापस अपने स्थान पर रख दिया गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन मुस्तैद नजर आया व कोविड 19 में मुस्लिम समाज द्वारा दिया गया सहयोग पर सभी ने सराहना की। तो वहीं मुस्लिम समाज ने प्रशासन का सहयोग देने के लिए आभार माना।