युवा नीति के लिए जागरूकता रैली निकाली, संगोष्ठी का आयोजन भी हुआ

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थांदला। मध्य प्रदेश की युवा नीति के निर्धारण में युवाओं की सक्रिय भागीदारी के लिए उच्च शिक्षा विभाग के तत्वाधान में शासकीय महाविद्यालय थांदला में दिनांक 26/12/ 2022 को मध्य प्रदेश राज्य युवा नीति 2022-23 के अंतर्गत जागरूकता रैली का आयोजन प्राचार्य डॉ. जीसी मेहता के निर्देशन में किया गया। 

आयोजन में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ पीटर डोडियार, प्रो.एस.एस. मुवेल, डॉ मीना मावी, प्रो. मनोहर सोलंकी, प्रो. हिमांशु मालवीय, प्रो. के एस. डोडवे, डॉ. राकेश कुमार चौरे, डॉ सुनीता राज सोलंकी, डॉ दीपिका जोशी, प्रो. ऋतु सिंह राठौड़, नेहा वर्मा, प्रो.स्वाति नावड़े, प्रो. सीएस चौहान एवं प्रफुल्ल धमानिया सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में रैली संचालित हुई। दिनांक 27/12/ 2022 को मध्यप्रदेश राज्य युवा नीति 2022-23 के अंतर्गत महाविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में धवल अरोड़ा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को सही दिशा व मार्गदर्शन मिले तो वह राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। युवा केवल विद्यार्थी ही नहीं है, बल्कि युवा नीति के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के हर वर्ग के युवा सम्मिलित है। जिन को आत्मनिर्भर बनाने हेतु कौशल विकास की आवश्यकता है‌।

विशेष अतिथि के रूप में संजय भाबर ने विद्यार्थियों को शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास व सामाजिक सरोकार आदि बिंदुओं पर प्रभावी जानकारी प्रदान की।  मेहमान भूरिया ने विशेष अतिथि के रुप में विद्यार्थियों को अपनी रुचि एवं केरियर को दृष्टिगत रखते हुए विषय चयन का सुझाव दिया। विद्यार्थियों में से कुमारी गंगा राठौर,दीपक डाबी, प्रफुल्ल धमानिया, ओम मैड़ा एवं सरिता अमलियार  सहित विद्यार्थियों ने संगोष्ठी में सुझाव दिए। साथ ही बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने लिखित रूप में युवा नीति 2022-23 के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव  प्रस्तुत किए। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य  डॉ जी सी मेहता ने विस्तृत रूप से राज्य युवा नीति पर  विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए । डॉ. पीटर डोडियार ने कहा कि युवा नीति व शिक्षा नीति परस्पर संबंधित है, दोनों नीतियों का संबंध युवाओं की आत्मनिर्भरता के माध्यम से राष्ट्र विकास की दिशा निर्धारण करना है‌ प्रो एस एस मुवेल ने बताया कि जब से शिक्षा को पेट से जोड़कर शिक्षा को ग्रहण किया जाने लगा है ,तब उसका महत्व कम हो गया है। एजुकेशन के साथ एटीट्यूट का जुड़ना शिक्षा की सार्थकता है। कार्यक्रम में महाविद्यालयीन स्टॉफ के साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में सहभागिता की।संगौष्ठी का  संचालन डॉ मीना मावी ने व  डॉ छगन वसुनिया ने आभार व्यक्त किया।