ब्रह्म मुहूर्त में गच्छाधिपति ने प्रतिष्ठा कार्य संपन्न कराया

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अर्पित चौपड़ा, खवासा

मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय खवासा की बहुप्रतीक्षित प्रतिष्ठा शनिवार को सम्पन्न हुई। परम पूज्य, धर्म दिवाकर, अखंड सूर्यमंत्र आराधक, गच्छाधिपति, आचार्य देवेश श्रीमद विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी मसा ने मुनिसुव्रत भगवान की प्रतिमा को विधि विधान से अपने स्थान पर विराजित करवाया।

अलसुबह के ब्रह्म मुहूर्त में गच्छाधिपति जी द्वारा प्रतिष्ठा कार्य संपन्न करवाया गया। 27 वर्षों के बाद जिनालय के शिखर पर लहराती ध्वजा देखकर हर कोई भावविभोर हो गया। प्रतिष्ठा के बाद प्रवचन हाल में प्रवचन, बहुमान, उद्बोधन हुए। कार्यक्रम में सहभागिता करते हुए जिले के पुलीस अधीक्षक अगम जैन सभा को संबोधित किया। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ने गच्छाधिपति श्रीमद विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी मसा को काम्बली ओढाई। प्रवचन के बाद फले चुनड़ी का आयोजन हुआ जिसमें हजारों लोगों ने प्रसादी ग्रहण की। दोपहर बाद मुनिमंडल ने थांदला की ओर विहार कर दिया। रात्रि में भक्ति का आयोजन हुआ।

हुआ द्वार उद्घाटन

प्रतिष्ठा के एक दिन बाद रविवार को सुबह मुख्य मंदिर का द्वार उद्घाटन किया गया। जिसके बाद समाजजन द्वारा दर्शन-पूजन का दौर चलता रहा।