कन्हैयालाल वैघ स्मृति व्याख्यानमाला सम्पन्न

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट

महाविलासी राजा के अन्याय व अत्याचार की सच्ची कहानी है वेैदर झाबुआ जिस पर तात्कालिक ब्रिटिश संसद में बहस हुई थी परिणाम स्वरूप झाबुआ के राजा उदयसिंह को राज्य से निष्कासन किया गया । जिसे निर्भिक होकर प्रकाशित किया था ख्यात पत्रकार स्वतंत्रता सेनानी कन्हैयालाल जी वैघ ने जो बाद में प्रेमचंद जी की पंत्रिका हंश में भी प्रकाशित हुई थी । उक्त ऐतिहासिक तथ्यों की व्याख्या जिले के प्रसिद्ध इतिहासकार उच्च शिक्षा म.प्र के पूर्व प्राचार्य डाॅं केके त्रिवेदी ने स्थानिय रामेश्वर मन्दिर सभागृह में आयोजित कन्हैयालाल वैघ स्मृति व्याख्यान माला को मुख्य वक्ता के रूप मे सम्बोधित करते हूए की । त्रिवेदी ने व्याख्यानमाला को सम्बोधित करते हूए बताया जिले में उस दौर की अकाल घटनाओ के बारे में बताया जिस समय अन्नदाता का सम्बोधन तात्कालिक राजा के लियंे ही किया जाता था किन्तु अन्न का मोहताज किसान को अन्नदाता लिखने पर उक्त आशय का समाचार देश भर के समाचार पंत्रों में छपने पर वैघ जी के विरू़द्ध झाबुआ रियासत में मुकादमा चलाया गया था उन्है झाबुआ रियासत से निष्कासित किया गया था लेकिन वैघ जी ने अपने पत्रकारिता धर्म को निष्कासन के बाद भी निभाया । देश की आजादी के पूर्व से लेकर आजादी के पश्चात तात्कालिक प्रंधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से अपने व्यक्तिगत अच्छे सबंध नजदिकी होने के बावजूद देशी रियासतो के विलय की उनकी आजादी के पूर्व की गई घोषणा पुरी नही होने पर वैघ जी सतत अपनी लेखनी के माध्यम से शासन के खिलाफ लिखा । किसी भी प्रकार की कोई चाह नही फक्कड जीवन व अन्याय के खिलाफ लडना, लिखना वैघ जी की जीवन शैली थी । आजाद भारत की आजादी का उपभोग आज सभी कर रहे है उस लडाई के नाम पर कईयों ने अपने महल खडे कर लिये किन्तु वैघ जी ऐसा व्यक्तित्व है जिन्हैाने सांसद रहते हूए अपने लिये आवंटित बंगले को यह कहकर अस्वीकार कर दिया था की में इस पर अपना मकबरा नही चाहता । ऐसा व्यक्तित्व जिसे राज्य एंव केन्द्र की सरकार ने बीना आवेदन सम्मान निधि स्वीकार करने का अनुरोध किया था । कर्यक्रम के अध्यक्ष रतनसिंह भाभर ने अपने सम्बोधन में वैघ जी को राजा ,रियासत ,के अत्याचार अन्याय को सहने वाले एंव इसके बीच अपनी पत्रकारिता को जनसरोकार के लिये सतत क्रियाशील रखने वाला सच्चा पत्रकार बताया ।राष्ट्र्ीय पत्रकार मोर्चा के केसी यादव व्दारा अपने सम्बोधन मे बताया कुव्यवस्था को सुव्यवस्था में बदलना ही संजीव पत्रकारिता है । कर्यक्रम को स्वतंत्रता सग्राम सेनानी उत्त्राधिकारी अर्जुनसिंेह राही तहसीलदार थांदला ,जितेन्द्र घेाडावत ,वरिष्ट कागे्रंसी नेता नारायण भटट, पत्रकार संघ जिलाध्यक्ष सलिम शैरानी ने भी सम्बोधित किया । इस अवसर पर बालकवि बिहारीलाल वैघ ,जगदीश जी शुक्ला ने देश भक्ति से ओत प्रोत अपनी काव्य रचनाओं का पाठ किया ।  अतिथियों को स्मृति चिन्ह पत्रकार कमलेश तलेरा ,चन्दु पे्रमी,मनोज उपाध्याय व्दारा भेंट किया गया । इस अवसर पर अंचल के पत्रकार विरेन्द्र बाबेल,सावलिया सोंलकी,संजस बेरागी,कांतिलाल परमार ,देवीसिंह भूरिया आत्माराम शर्मा आदी का सम्मान एंव वैघ विघा निकेतन विघालय के विघार्थीयो को पुरूस्कार वितरण किया गया । कर्यक्रम में भूपेन्द्र पावेंचा, विमल छाजेड,रमाकान्त भटट ,शान्तिलाल जी जैन मामाजी,कैलाशचन्द्र कारा ,राजु धानक ,अभिभाषक नन्दकिशोर शर्मा ,राजेन्द्र शर्मा जसवंतसिंह भाबर ,पत्रकार निरंजन शर्मा, पवन नाहर,रितेश गुप्ता,गजेन्द्र चैहान,माणकलाल जैन, सुजानमल बाफना मेघनगर ,राजेश बैरागी सहित सैकडो की संख्या में सुधीजन उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ट अभिभाषक पत्रकार विरेन्द्र व्यास व्दारा एंव आभार स्वतंत्र पत्रकार क्रान्तिकुमार वैघ व्दारा ज्ञापित किया गया । फोटो संलग्न है ।

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