पर्युषण पर्व के अंतिम दिन सामूहिक क्षमापना और हुआ बहुमान

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मयंक गोयल राणापुर

श्वेताम्बर जैन समाज के पर्युषण महापर्व के अंतिम दिन यतीन्द्र  ज्ञान मंदिर में अंतिम व्यख्यान मनोहरलाल नाहर ने देते हुए समस्त समाजजन को संवत्सरी के महत्व के बारे में विस्तार से समझाया और पूरे समाज से जाने अनजाने में हुई गलतियों की क्षमा मांगी  । व्यख्यान के बाद बहुमान कार्यक्रम हुआ । जिसमें मुनिसुव्रतस्वामी मंदिर समिती की और से प्रतिक्रमण पढ़ाने वाले समरथमल नाहर, मनोहरलाल नाहर, पर्युषण पर्व के दौरान आंगी सजाने वाली बालिकाओ,रंगोली बनाने वाली बालिकाओं, पूरे मंदिर की साज सज्जा करने वाले युवाओं, मंदिर की सेवा करने वाले पुजारी राजू भाई और उनकी पत्नी ,सीमंधर स्वामी मन्दिर के पुजारी पप्पू भाई,पूरे वर्ष भर स्नात्र पूजन पढ़ाने वाले सुनील नाहर, प्रतिज्ञा कटारिया ,भक्ति की रमघट मचाने वाले पार्श्व संगीत मण्डल के जितेंद्र सालेचा,पवन नाहर, आयुष जैन,कमलेश कटारिया,सहित लगभग 20 लोगो का सम्मान सभी समाजजनों ने भगवान की तस्वीर भेट कर क्रमशः किया ।

संघपति बनने की आज्ञा दी

इस अवसर पर वर्तमान आचार्य श्रीमद विजय नित्यसेनसुरी जी के दर्शनाथ संघ ले जाने का प्रस्ताव हुआ जिसके संघपति के लिए चन्द्रसेन कटारिया को श्रीसंघ ने आज्ञा प्रदान की । गुरुवार को गवली मोतिलाल सालेचा के यहाँ से हुई । जबकि लक्की ड्रा शेतानमल कटारिया, नरेंद्र नाहर, मोतिलाल कटारिया की और से था । पूरे कार्यक्रम का संचालन दिलीप सालेचा और नीलेश मामा ने किया ।

सामूहिक क्षमापना की 

शाम को श्री संघ का संवत्सरी प्रतिक्रमण हुआ जिसमें उपस्थित सभी समाजजनों गत वर्ष में जाने अनजाने में हुए अविनय,गलतियां आदि के समस्त जीवों से क्षमा मांगी । प्रतिक्रमण के बाद  प्रभावना चन्द्रसेन कटारिया व  चांदमल चंपालाल सेठ की ओर वितरित की गई । प्रतिक्रमण के बाद सभी समाजजनो ने एक दूसरे के घरों पर पहुंच कर क्षमा याचना की । शुक्रवार को सुबह  श्री सुविधिनाथ मणिभद्र मण्डल की और से सकल संघ का सामूहिक पारणा करवाया गया

तोषी नाहर के अट्ठाई तप  देवपूजन जुलुस निकला

पर्युषण पर्व के अवसर पर तोषी कल्पेश नाहर ने अट्ठाई तप किया । जिसका पारणा शुक्रवार को हुआ । सुबह देवपूजन ढोल के साथ हुआ । सभी बड़े मंदिर पहुँचे  जहाँ शाषण माता की विधि पूर्वक पूजन की ।