हुसैनी चौक में मेहंदी का जुलूस निकाल, निभाई गई परंपरा

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सलमान शैैैख@पेटलावद
शहर में एक बार फिर शांति सौहार्द्र की मिसाल पेश हुई। मंगलवार को मोहर्रम माह की 7 तारीख थी। इस दिन प्रतिवर्ष हजरत ईमाम हसन के बेटे और ईमाम हुसैन के भतीजे कासिम की याद में मेंहदी का जुलूस निकाला जाता है, लेकिन कोरोना को देखते हुए और शासन की गाईडलाईन का पालन करते हुए मुस्लिम समाज ने मेहंदी का जुलूस तो निकाला, लेकिन वह हुसैनी चौक तक ही सीमित रहा।
गौरतलब है कि हजरत की शहादत से ठीक एक दिन पहले उनकी शादी हुई थी। इसी की याद में सात मोहर्रम को हजरत कासिम की मेंहदी का जुलूस निकाला जाता है। प्रतिवर्ष नगर के प्रमुख मार्गो से मेहंदी का जुलूस निकाला जाता रहा है, लेकिन दो वर्षो से इन जुलूसों को नही निकाला जा रहा है।
टीआई खुद कमान संभालते दिखे-
बता दे कि गत 5 वर्ष पहले हुई मोहर्रम जुलूस रोकने की घटना के बाद इस वर्ष भी पुलिस-प्रशासन अपनी ओर से प्रशासनिक व्यवस्था बनाने में कोई कमी कसर नही छोड़ रहा हैं। मेहंदी की पारंपरिक जुलूस भले ही हुसैनी चौक में ही निकला। यहां खुद टीआई संजय रावत कमान संभालते नजर आए। अलग-अलग टुकड़ियों में पुलिस जवानों को राजापुरा से लेकर अन्य इलाकों में तैनात किया। कहीं किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके लिए वे स्वयं आधे घंटे तक मॉनिटरिंग करते दिखे।
इस बार भी अपने-अपने मुकाम पर रहेंगे ताजिए-
मंगलवार को पुलिस थाने में आगामी पर्वो को लेकर शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें मुस्लिम समाज ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए और शासन की गाईडलाइन के मुताबिक इस वर्ष भी मोहर्रम का जुलूस नही निकालने का फैसला किया। इस वर्ष भी सभी मुहर्रम अपने-अपने मुकाम पर रहेंगे। एक बार फिर समाजजनों ने सांप्रदायिक सोर्हाद्र की मिसाल पेश की।
कल होगी ताजियो की जियारत-
शुक्रवार को माह ए मोहर्रम की 10 तारीख है। हजरत ईमाम हुसैन की याद में गमगीन माहौल में आज 9 तारीख गुरूवार देर शाम को जगह-जगह ताजिये रखे जाएंगे। शहर में ताजिए बनाने वालो में खासा उत्साह नजर आ रहा है। बता दे कि हजरत ईमाम हुसैन की शहादत को गमगीन माहौल में मनाया जाता है। आज रात को शहर में अलग-अलग स्थानों पर ताजिये रखे जाएंगे। रातभर जियारत का दौर चलेगा। इसमें मुस्लिम समुदाय के अलावा अन्य समुदाय के श्रद्धालु भी अपनी-अपनी मन्नते लेकर पहुंचेंगे।