हरतालिका तीज पर महिलाओं ने की पूजा

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड की रिपोर्ट-
मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए महिलाओं ने रखा हडतालिका तीज का व्रत। बिना अन्न जल ग्रहण किए रखा व्रत। प्राप्त जानकारी के अनुसार मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए ग्रामीण महिलाओं ने रखा व्रत। इस दिन महिलाए सुबह से अपने घर की साफ सफाई करती है। इस दिन व्रतधारी महिलाए बिना अन्न जल लिए वृत करती है।
विधि विधान से करती है पूजा
हड़तालिका तीज की पूजा के लिए बालू रेत से शिवलिंग बनाया जाता हे। उसके बाद जंगल से 36 प्रकार के वृक्षों के पत्तों से पूजा की थाली तयार कर पूजा करती है, उसके बाद अन्नजल ग्रहण करती है।
इसलिए रखती है व्रत
पंडित सुयेकात शुक्ला ने बताया कि राजा दक्ष अपनी पुत्री पार्वती का विवाह भगवान विष्णु से करना चाहते थे पर माता पार्वती ने मन ही मन भगवान शंकर को अपन वर मान लेती हे। पिता की जिद के कारन माता पार्वती सबकुछ छोड़कर घने जंगल में जाकर एक नदी में बालू रेत का शिवलिंग बनाकर घोर तपश्या की जिसके कारण माता पार्वती को मनवान्छित वर के रूप में भगवान शंकर की प्राप्ति हुई। तब से लेकर आज तक पत्नी अपने पति की लम्बी आयु की कामना के लिए करती है।