यहां पक्षी प्रेमी पक्षियों के लिए रोज डालते है दाना, लगता है हूजूम

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
प्रकृति की अनमोल नेमत पक्षियों को चोंच भर दाना परोसकर राहत देने का अभियान अब शुरू हो गया है। पक्षीप्रेमी गर्मी की शुरूआत से ही अपने घरो के बाहर कुंड में पानी और दाना रखकर पक्षियो की सेवाओ में लगे है। इसी कड़ी में पेटलावद शहर में रोज सुबह पक्षिप्रेमी स्कूल ग्राउंड पर पहुंचकर इन नेमतो को दाना डालकर उनके सूखे कंठों को तर कर रहे है। यह व्यवस्था पूरे बारह महीने रहती है। नगरवासियो ने इस कार्य की सराहना की है। यहां कबूतर, गौरेया, मि_ू, कोआ आदि पक्षी दाना चुगने आते है। रोजाना तडक़े 6 बजे से बड़ी तादाद में पक्षी दाना चुगने आते है। इस अनोखे कार्य में नगर के पक्षीप्रेमी दिलीप भंडारी, लोकेश भंडारी, शेरू भटेवरा, दीपक राठौड़, श्याम त्रिवेदी, सुरेश राठौड़, विनोद सोनंकी, नितीन आदि अहम भूमिका निभा रहे है।
गर्मी में पानी की व्यवस्था भी की जाएगी:
पक्षीप्रेमीयो ने बताया कि गर्मी के मौसम भी प्रात: काल और सायंकाल दोनो समय दानो की व्यवस्था करने के साथ ही पक्षियो की प्यास बुझाने के लिए मिट्टी के बर्तन रखे जाते है।
पक्षियो को गर्मी में मिलेगी राहत:
गर्मी के मौसम में पक्षियो को राहत मिलेगी। दाना-पानी के लिए उन्हें भटकना नही होगा। शहर में वैसे भी गर्मी में तापमान 50 डिग्री के नजदीक पहुंच जाता है। तापमान अधिक होने से बीते वर्ष भी गर्मी में क्षेत्र में पक्षियों की मौत हुई। पक्षी प्रेमियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में सूरज की तपन से मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों को भी राहत की जरूरत होती है।
कोई पक्षी प्यास से नही थामे सांसे:
हमारी अपील है कि आप भी अपने घरो के बाहर या छत पर किसी ऐसी जगह पक्षियो के लिए मिट्टी के बर्तन में दाना-पानी रखे जहां वे आकर अपनी भूख और प्यास मिटा सके। अक्सर देखा गया कि पक्षियों पानी के लिए सबसे ज्यादा भटकना पड़ता है। आज हर एक जलस्त्रोत गर्मी में सूखता नजर आ रहा है, चाहे वह नदी हो या फिर तालाब, जो इन पक्षियो की प्यास बुझाते थे वह गर्मी आते-आते सूख जाते है। इसके अभाव में उन्हें पानी के लिए एक शहर से दूसरे शहर में भटकना पड़ता है और भटकते-भटकते उनकी सांसे थम जाती है और वह मौत के शिकार हो जाते है। गर्मी की शुरूआत हो चुकी आप भी पक्षियो के लिए ऐसा कुछ करे जिससे उन्हें दाना-पानी मिल सके।