डिटोनेटर में ऐसे हुआ था ब्लास्ट, नादानी ने लिया हादसे का रूप, जिम्मेदार कौन, पुलिस जांच में जुटी…

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सलमान शैख़@ पेटलावद
आज दोपहर में ईडी ब्लास्ट में जो ग्राम बावड़ी के रहने वाले अनिल पिता मानसिंह डामर गम्भीर घायल हुआ था, उसमे एक नया मोड़ आया है। पहले ये खबर आई थी कि बालक नहर के करीब से निकल रहा था तो रास्ते मे पड़े डिटोनेटर में ब्लास्ट हो गया, लेकिन जब पुलिस ने मौके पर जांच की तो कुछ और पाया। इस मामले में पुलिस जांच में जुट गई है।
दरअसल, यह डिटोनेटर रास्ते मे फटा नही था बल्कि उसे रास्ते मे मिला था, वह उसे खिलौना समझकर घर ले आया, लेकिन उसे पता नही था कि इससे उसकी जान भी जा सकती थी। वह तो गनीमत यह रही कि ब्लास्ट हुआ उसके हाथ और पेट मे चोट आई, नही तो उसकी जान भी जा सकती थी। घटना में उसकी उंगलियां जीर्णशीर्ण हो गई। बालक की नादानी ने इस बड़े हादसे का रूप ले लिया। खेर वह तो मासूम था उसे क्या पता था कि यह डिटोनेटर है। सवाल यह है कि इसका जिम्मेदार कौन है..?
बताया जा रहा है यह वही ईडी थी। जो ब्लास्टिंग कामगार थे उन्होंने एक ईडी को गलती से वहीं छोड़ दिया, इसके बाद वह वहां से चले गए। जब अनिल यहां से गुजरा तो उसे यह ईडी मिली, इसके बाद वह उसे घर ले गया और मोबाइल की बैटरी से दोनों तार जैसे ही उसने जोड़े वैसे ही उसमे ब्लास्ट हो गया। इस घटना में ब्लास्टिंग कामगारों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। गम्भीरावस्था में उसे स्वास्थ्य केंद्र पेटलावद लाया गया जहां उपचार के दौरान उसे भर्ती कर लिया गया।
पुलिस ने घटना के बाद मौका मुआयना किया और पाया कि यह घटना उसी के घर के पास हुई थी, अब बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई इसे माही नहर के कामगारों ने यहां छोड़ दिया था या फिर कोई बड़ी साजिश के चलते कोई इसे यहां फेक गया। फिलहाल मामले में पुलिस जांच कर रही है।
12 सिंतम्बर 2015 पेटलावद ब्लास्ट के बाद भी क्षेत्र मे बारूद का कारोबार थमा नही है। आज भी क्षेत्र मे बडे पैमाने पर ईडी, डेटोनेटर का कारोबार संचालित किया जा रहा है। जिस और जिम्मेदारो का कोई ध्यान नही है। जिस वजह से आज भी क्षेत्र बारूद के ढेर पर है। कभी भी क्षेत्र मे बडा हादसा हो सकता है। पेटलावद नगर मे हुए ब्लास्ट के बाद भी प्रशासन नही जागा है।