झाबुआ लाइव खबर का असर : एसडीएम ने मंडी पहुंचकर व्यापारियों को दी नसीहत मंडी प्रांगण में ही उपज खरीदे

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
लगातार दो दिनों तक ने बाजार में कपास की खरीदी को लेकर समाचार प्रकाशित कर प्रशासन को जगाया, जिसका असर सोमवार को हुआ और प्रशासन ने सख्ती के साथ सभी व्यापारियों को मंडी में बिठाया। इसके साथ ही सोमवार को कपास की खरीदी मंडी में हुई जहां कई दिनों के बाद फिर से मंडी में रौनक दिखी। प्रशासन के अधिकारियों की प्रयास से सोमवार से मंडी में कुछ आवक बढ़ी है किंतु इस स्थिति को लगातार बनाए रखने के लिए मंडी अधिकारियों को सतत प्रयास करना होंगे। क्योंकि इनके प्रयासों के बावजूद भी ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कपास की खरीदी खुले आम हो रही है। ग्राम सारंगी में ही बस स्टैंड पर ही खुलेआम कपास खरीदा जा रहा है, जबकि उपमंडी यहां बनी हुई है जो की वीरान है। इसके लिए भी प्रयास करना होगा तभी मंडी को लेकर शासन की जो सोच है वह पूर्ण हो पाएगी।
एसडीएम ने किया निरीक्षणृ-
एसडीएम हर्षल पंचोली ने सोमवार को मंडी में पहुंच कर निरीक्षण किया और व्यापारियों सहित मंडी के अधिकारी कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए की जो भी बड़े माल की खरीदी है वह मंडी में ही हो इसके अलावा कहीं भी खरीदी नहीं की जाए। यदि मंडी के बाहर खरीदी की जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिर बोझ माल की खरीदी बाजार में की जा सकती है किंतु उसके लिए भी केवल लाइसेंसी व्यापारी ही खरीदी कर सकता है, इसमें भी अधिक माल की खरीदी नहीं होगी। इसके लिए केवल मंडी में ही खरीदी की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि मंडी के बाहर कोई व्यापारी खरीदी करते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
व्यापारी बनाते बहाना-
मंडी में नहीं जाने के लिए व्यापारी किसानों की दिक्कत होने का बहाना बनाते है। कहते है कि छोटे किसान मंडी में कैसे आएंगे और उनका माल कैसे बिकेगा उन्हें मंडी आने के लिए कई किमी का सफर तय करना होगा, किंतु वहीं किसानों का कहना है कि यदि यह बात है तो सरकार ने मंडियां क्यों बनाई है। करोड़ों रुपए किसके लिए खर्च किए है। अगर मंडी में खरीदी बिक्री नहीं करना थी तो मंडी का निर्माण ही नहीं करना था। किसानों के हितों की रक्षा के लिए मंडी का निर्माण किया गया है। इसलिए छोटी परेशानियों को न देखते हुए किसानों को अपने बड़े फायदे को देखना चाहिए और अपनी उपज मंडी में ही बेचना चाहिए।