जीएसटी के जटिल प्रावधानों में संशोधन को लेकर सकल व्यापारी ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
जीएसटी की जटिलताओं को दूर करने के लिए एसडीएम सीएस सोलंकी को व्यापारियों ने एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के दौरान व्यापारियों ने मांग की कि व्यापारी वर्ग राष्ट्र की धुरी है तथा वर्तमान कर प्रणाली के दोषों को दूर करने के लिए लाई जा रही नवीन कर प्रणाली जीएसटी अनेक जटिल प्रावधानों के कारण निर्भिक व्यापारी क्रियाओं तथा जोखिम व्यवसायों के लिए मुश्किल भरी है। भारत में समान कर प्रणाली की जरूरत है परंतु कुटीर, लघु उद्योग, फुटकर व्यवसायियों से भरे पड़े राष्ट्र में इतनी जटिलताओं के साथ कर प्रणाली व्यापारिक विकास तथा अर्थव्यवस्था के सुचारु संचालन में अवरोध उपन्न कर सकती है। इसलिए व्यापारियों ने मांग की कि जीएसटी में संशोधन किया जाए जिसमें प्रत्येक माह रिर्टन के स्थान पर त्रैमासिक रिटर्न व्यवस्था लागू की जाए, पंजीकृत और अपंजीकृत व्यापारी को माल खरीदने एवं परिवहन करने में आने वाली बाधाओं और जांच पड़ताल के संबंध में भय आशंकाओं का स्पष्टीकरण हो, व्यापारिक खर्चों एवं उसके लिए प्राप्त सेवाओं पर लगने वाले रिवर्स कर को टैक्स मुक्त किया जाए, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली जांच पड़ताल संबंधी धाराएं हटाई जाए, अनेक जरूरी वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स की दर को कम किया जाए, कर मुक्त वस्तुओं को कम्पोजिशन से बाहर रखा जाए। सकल व्यापारी संघ ने ज्ञापन में कहा कि उपरोक्त सभी मांगों के संशोधन में विशेष प्रयास किए जाए।