क्षत्रिय सिर्वी समाज कल धूमधाम से मनाएगा भादवी बीज महोत्सव, इस खबर में पढ़े भादवी बीज का महत्व क्या है?

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सलमान शेख। पेटलावद
क्षत्रिय समाज की ईष्टदेवी श्री आईमाता का मुख्य वार्षिक त्यौहार भादव सुदी बीज महोत्सव कल रविवार को श्री आईमाता मंदिरों सहित विभिन्न स्थानों पर मनाया जायेगा।
पेटलावद नगर में भी प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी क्षत्रिय सिर्वी समाज द्वारा भादवी बीज महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। बीज महापर्व को लेकर समाजजनो में खासा उत्साह देखा जा रहा है। आयोजन की संपूर्ण तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। बीज के दिन सर्वप्रथम कुलदेवी श्री आईमाता सहित विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद श्री आई माताजी का भव्य शाही जूलूस निकालेंगे। जो नगर के प्रमुख मार्गो से होकर गुजरेगा। इसके बाद श्री आईमाता मंदिर परिसर में महाआरती का आयोजन होगा। यात्रा गाजे-बाजो के साथ निकाली जाएगी। जिसमें समाज के महिला-पुरूषो के अलावा युवावर्ग बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे।
समाज के होनहार बच्चो का हुआ सम्मान-
इसी कड़ी में क्षत्रिय सीरवी समाज सकल पंच पेटलावद ने शुक्रवार रात प्रतिभा सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सांसद गुमानसिंह डामोर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। समाज द्वारा ऐसे विद्यार्थियों का सम्मान किया गया जिन्होंने 10वी, 12वी, स्नातक, स्नाकोत्तर में 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हो और जिन विद्यार्थियों का प्रतियोगिता परीक्षा में चयन हुआ हो। कार्यक्रम में छोटे छोटे बच्चो द्वारा रंगा रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। सांसद श्री डामोर सहित समाज के वरिष्ठजनो ने बच्चो को प्रशस्ति पत्र और शिल्ड भेंटकर सम्मानित किया। वहीं समाज के युवाओ ने मिलकर सांसद श्री डामोर को अभिनंदन पत्र भेंटकर स्वागत-सत्कार किया। इस कार्यक्रम के प्रायोजक मुकेश परमार रहे। इस अवसर पर समाज के चौधरी सा नाना चौधरी, समाज के कोटवाल नारायण पडियार सहित समाज के वरिष्ठ नागरिक, युवावर्ग व महिला शक्ति उपस्थित रही।
रूपगढ़ में भी होगा विशेष आयोजन-
यहां से 3 किमी दूर ग्राम रूपगढ़ में भी सिर्वी समाज द्वारा भादवी बीज महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। ईष्ट देवी श्री आईमाता की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें सभी समाजजन बड़ी संख्या में भाग लेंगे। इसके बाद रात में विशाल भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बाहर के कलाकार आकर समधुर भजनो की प्रस्तुति देंगे। समाज के पदाधिकारियो ने सभी समाजजनो को अपनी पारंपरिक वेशभूषा में आने की अपील की गई है।
विशेषरूप से महत्वपूर्ण है भादवी बीज-
भादव माह के शुक्ल पक्ष की बीज व्रिकम संवत् 1472 को देवीशक्ति आईमाता का अवतार हुआ। विक्रम संवत् 1521 भादवी बीज के ही दिन आईमाता का राजस्थान के बिलाड़ा शहर में आगमन हुआ। विक्रम संवत् 1525 भादवी बीज के दिन ही आईमाता ने बिलाड़ा में अखण्ड ज्योत प्रज्ज्वलित की थी। इस प्रकार रविवार, 1 सितम्बर 2019 (अर्थात् भादवी बीज विक्रम संवत् 2075) को आईमाता के अवतरण की 604 वी वर्षगाठ है, अर्थात् हम कह सकते हैं कि इस दिन से आईमाता के अवतरण का 605 वा वर्ष प्रारंभ हो रहा है। इसलिए यह भादवी बीज विशेषरुप से महत्वपूर्ण है।