ईंट भट्टे वाले व सरपंच-ग्रामीण आमने-सामने

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
ग्राम पंचायत जामली में ईंट भट्टे वाले और सरपंच सहित ग्रामीण आमने सामने हो गए है। एक ओर सरपंच और ग्रामीण भूख हड़ताल पर पंचायत मुख्यालय पर बैठे हैं तो दूसरी और ईंट भट्टा व्यवसायी माटी कला बोर्ड के बैनर तले तहसील कार्यालय के सामने धरने पर बैठे है ईंट भट्टा व्यवसायियों का आरोप है कि सरपंच हम से हर साल 5 हजार रूपए लेता था किंतु इस बार हमने पैसा देने से मना कर दिया तो हमारे खिलाफ आंदोलन कर रहा है हम शासन की मंशा अनुरूप ही अपना व्यवसाय संचालित कर रहे है। दूसरी ओर सरपंच का कहना है कि अपना अतिक्रमण बचाने के लिए मुझ पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है।
एडीएम से मिले-
ईंट भट्टा व्यवसायियों का एक दल शुक्रवार को स्थानीय रेस्ट हाउस पर एडीएम दिलीप कापसे से मिले और उन्हें अपनी जमीन संबंधि कागजात तथा तहसीलदार द्वारा प्रदाय किए गए पट्टे की जानकारी दी। इस पर कापसे ने उन्हें आश्वासन दिया की पूरी जांच के बिना आपकों यहां से कोई नहीं हटा सकता है और हमारी और से आपको पूरा सहयङ्क्षग प्रदान किया जाएगा।
एसडीएम को ज्ञापन सौंपा-
इसके साथ ही माटी कला बोर्ड की ओर से भी सभी समाजजनों ने मिलकर कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन एसडीएम सीएस सोलंकी को सौंपा जिसमें समाजजनों ने मांग की है कि 27 जून को सरकारी जमीन से हटाने के आदेश दिए है उसे तुरंत निरस्त किया जाए। इसके साथ ही पूरे जिले में कुम्हारों को करवड़, सारंगी, बरवेट, जामली, रायपुरिया, झकनावदा, पेटलावद, रूपगढ़, बनी आदि स्थानों पर मप्र शासन द्वारा जारी आदेश के तहत भूमि ईंट भट्टे एवं बर्तन बनाने हेतु तत्काल आवंटित करे। इस संबंध में पूर्व में भी हमारे द्वारा जनसुनवाई में भी आवेदन दिया गया है.
10 लोगों ने आरोप लगाया अवैध वसूली का-
लगभग 10 से अधिक कुम्हारों ने शपथ पत्र देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा प्रतिएक व्यक्ति से ईंट भट्टा और अतिक्रमण नहीं हटाने के नाम पर 5-5 हजार रूपए की मांग की गई थी और इस प्रकार सरपंच द्वारा कुम्हारों से अवैध वसूली की बात भी सामने आ रही है। वहीं कुम्हारों के द्वारा इस संबंध में पुलिस रिपङ्क्षर्ट और पृथक से कानूनी कार्रवाई भी करने की तैयारी की जा रही है।
सरपंच ने आरोपों को झूठलाया.
इधर दो दिनों से ग्राम पंचायत जामली में बैठे भूख हड़ताल पर बैठे सरपंच अम्बाराम वसुनिया का कहना है कि कुम्हारों द्वारा लगाए जा रहे आरोप झूठे है। मेरे द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए पिछले एक वर्ष से प्रशासन सहित मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई गई है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है और मेरे द्वारा ग्राम के हित में अतिक्रमण हटाने के लिए प्रयास किए जा रहे है इसलिए मेरे उपर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। इस सबंध में जानकारों का कहना है कि जामली के ईंट भट्टा व्यवसायियों द्वारा लगभग 3 वर्ष पूर्व तहसीलदार को पट्टे के लिए आवेदन दिया था जिस पर से तत्कालीन तहसीलदार द्वारा पूरी जांच प्रक्रिया उपरांत 6 लोगों को ईंट भट्टा व्यवसाय हेतु भूमि का पट्टा आवंटित किया था, जिसके आधार पर इनके द्वारा भूमि पर ईंट भट्टा व्यवसाय किया जा रहा है किंतु शेष लोगों के पास किसी भी प्रकार का कोई प्रमाणिक दस्तावेज वर्तमान में नहीं है और इसी के चलते सरपंच और ईंट भट्टा व्यवसायी आमने सामने हो गए है.